बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था अबूधाबी मंदिर की तरह बहरीन में भी भव्य मंदिर का निर्माण करेगी। वैसे अबूधाबी के मंदिर निर्माण की लागत 700 करोड़ रुपये आई है। बहरीन में भी मंदिर बनाने का खर्च बड़ा होगा। संस्था का प्रतिनिधिमंडल बहरीन के क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा के साथ बैठक भी कर चुका है।
नयी दिल्ली। यूएई में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर का पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को उद्घाटन किया। उसके बाद अब एक और मुस्लिम देश में भव्य मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है। बीएपीएस बहरीन में भी एक भव्य मंदिर का निर्माण करेगी। जमीन का आवंटन हो चुका है। मंदिर निर्माण की सभी औपचारिकताएं भी पूरी हो चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, जल्द ही दुनिया के एक और मुस्लिम देश बहरीन में मंदिर का निर्माण शुरु हो सकता है।
अबूधाबी की तरह बहरीन में भी बनेगा भव्य मंदिर
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था अबूधाबी मंदिर की तरह बहरीन में भी भव्य मंदिर का निर्माण करेगी। वैसे अबूधाबी के मंदिर निर्माण की लागत 700 करोड़ रुपये आई है। बहरीन में भी मंदिर बनाने का खर्च बड़ा होगा। संस्था का प्रतिनिधिमंडल बहरीन के क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा के साथ बैठक भी कर चुका है।
बीएपीएस के महंत गुरु स्वामी महाराज ने कही ये बात
संस्था के प्रतिनिधिमंडल में शामिल स्वामी अक्षरातीतदास, डॉ. प्रफुल्ल वैद्य, रमेश पाटीदार और महेश देवजी ने क्राउन प्रिंस से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि स्वामीनारायण हिंदू मंदिर निर्माण का मकसद सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करना है। अलग-अलग संस्कृतियों को जगह उपलब्ध कराना है। बीएपीएस संस्था के महंत गुरु स्वामी महाराज ने बहरीन में मंदिर निर्माण की अनुमति मिलने की खुशी जताई है। उन्होंने बहरीन के क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा और पीएम मोदी का आभार जताया है।
यूएई में मंदिर बनने पर भारतीय मूल के निवासियों ने क्या कहा?
उनका कहना है कि बहरीन में मंदिर बनाने के लिए फैसले से दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों और धार्मिक सद्भाव का विश्वास प्रदर्शित करता है। उन्होंने जल्द ही मंदिर निर्माण की प्रार्थना भी की है। उनका कहना है कि इससे लाखों लोगों को शांति मिल सकेगी। आपको बता दे कि यूएई में मंदिर बनने के बाद भारतीय मूल के निवासियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी की वजह से मंदिर बन सका। इस्लामिक देश में मूर्ति पूजा हराम मानी जाती है। ऐसे में इतने भव्य मंदिर का निर्माण मोदी जी की वजह से ही संभव हो सका है।