यादव परिवार में 22 नवंबर को हो सकता है बड़ा ऐलान

By Team MyNationFirst Published Nov 21, 2019, 8:25 AM IST
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हालांकि किसी ने इस मामले को लेकर औपचारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन लग रहा है कि यादव परिवार में लोगों ने इस एकता के लए कोशिशें शुरू कर दी हैं। कुछ समय पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा देकर सबके चौंका दिया था कि अगर कोई पार्टी में आना चाहता है तो उसका स्वागत है। सपा प्रमुख का ये इशारा शिवपाल सिंह की तरफ थे। लेकिन अब मुलायम सिंह और सपा को लेकर नरम हो रहे हैं। शिवपाल ने दो दिन पहले इटावा में कहा कि वह भी चाहते हैं कि परिवार में एकता हो।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी  मुलायम  सिंह यादव परिवार में 22 नवंबर को कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। जिसकी पहल मुलायम सिंह यादव पिछले दो साल से कर रहे हैं। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो यादव परिवार में एकता हो सकती है। शिवपाल और अखिलेश में एकजुटता हो सकती है। जिसका फायदा सपा को मिलेगा।

हालांकि किसी ने इस मामले को लेकर औपचारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन लग रहा है कि यादव परिवार में लोगों ने इस एकता के लए कोशिशें शुरू कर दी हैं। कुछ समय पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा देकर सबके चौंका दिया था कि अगर कोई पार्टी में आना चाहता है तो उसका स्वागत है। सपा प्रमुख का ये इशारा शिवपाल सिंह की तरफ थे। लेकिन अब मुलायम सिंह और सपा को लेकर नरम हो रहे हैं। शिवपाल ने दो दिन पहले इटावा में कहा कि वह भी चाहते हैं कि परिवार में एकता हो। उन्होंने साफ कहा कि वह चाहते हैं कि अखिलेश यादव प्रदेश के सीएम बनें। लिहाजा शिवपाल का ये  बयान काफी अहम माना जा रहा।

हालांकि शिवपाल कानूनी तौर से विधानसभा में सपा के विधायक हैं। बगावत करने और खुद की पार्टी को चुनाव में उतारने के बावजूद अभी तक सपा ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया है। वहीं अभी तक शिवपाल की विधायकी भी नहीं गई है। हालांकि पिछले दिनों सपा के नेताओं ने शिवपाल की पार्टी का विलय सपा में कराने की बात कही थी। जिसे शिवपाल ने ठुकरा दिया है। लेकिन 22 नवंबर को मुलायम सिंह के जन्मदिवस पर सपा कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। वहीं जानकारों का मानना है कि अगर शिवपाल की पार्टी का सपा में विलय होता तो इससे सपा को काफी मजबूती मिलेगी।

हालांकि अभी तक शिवपाल अपनी पार्टी का सपा के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं। लेकिन इससे राज्य की बदलती हुई राजनीति को समझा सकता है। असल में लोकसभा चुनाव और उपचुनाव में शिवपाल की पार्टी प्रसपा कोई प्रभाव नहीं दिखा पाई है। जिसको लेकर शिवपाल भी चिंतित है।  लिहाजा अगर मुलायम सिंह के जन्मदिन पर पार्टी का गठबंधन या विलय होता है तो उनके लिए ये किसी तोहफे से कम नहीं होगा।

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