जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सरगना यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 अप्रैल तक एनआईए रिमांड पर भेज दिया है। अब राष्ट्रीय जांच एजेन्सी यानी एनआईए के पास उससे सभी राज निकलवाने के लिए पूरे 13 दिन का समय है।
नई दिल्ली: अलगाववादी नेता यासीन मलिक के बुरे दिन शुरु हो गए हैं। उसे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 अप्रैल तक के लिए एनआईए की रिमांड पर भेज दिया है। उसे आज ही जम्मू की कोट बलवा जेल से लाकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद किया गया था। उसे आज कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां से मलिक को पूछताछ के लिए 13 दिनों की एनआईए रिमांड पर भेज दिया गया।
यासीन मलिक को जन सुरक्षा कानून(पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद से ही जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों, अलगाववादियों और उसके समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई शुरु हो गई है।
हाल ही में एनआईए ने यासीन मलिक, नईम खान और जफर बट्ट के श्रीनगर स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
अब यासीन मलिक को एनआईए के सवालों का जवाब देना होगा। उससे संगठन की फंडिंग को लेकर पूछताछ की जाएगी।
आरोप है कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादी समूहों को पैसे दिलाता था। जिस मामले में एनआईए ने अदालत से उसका प्रोडक्शन वारंट हासिल किया।
जिसके बाद उसे दिल्ली लाया गया। मलिक को पिछले महीने गिरफ्तार कर जम्मू की कोट बिलावल जेल भेज दिया गया था।
हाल ही में केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बड़ा कदम उठाते हुए 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं का सुरक्षा कवर हटा दिया।