उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशकों और प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय सहित चार हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती शुरू नही हो सकी है। जब 12 हजार 460 और 16 हजार 448 सहायक अध्यापक भर्ती के खाली पदों को भरने का मामला है।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुच गया है। इस बार स्कूलों में चार भर्तियों का मामला कोर्ट पहुंचा है। अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिकाओ पर सुनवाई के बाद फैसला देते हुए हाइकोर्ट ने खाली पदों को भरने का आदेश दिया था।लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने भर्ती करने की बजाय हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी है।
इनमें उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशकों और प्राथमिक स्कूलों में उर्दू विषय सहित चार हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती शुरू नही हो सकी है। जब 12 हजार 460 और 16 हजार 448 सहायक अध्यापक भर्ती के खाली पदों को भरने का मामला है।
इसी तरह उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान व गणित विषय के 29 हजार 334 सहायक अध्यापकों की सीधी भर्ती का विवाद भी पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फिलहाल इन भर्तियों के लिए आवेदन करने वाले लाखों बेरोजगार भटक रहे है।
शारीरिक शिक्षा विषय के 32 हजार 22 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती के लिए सपा शासनकाल में आवेदन लिए गए थे। 11 महीने के लिए साथ हजार रुपये मानदेय पर प्रस्तावित भर्ती के लिए 1.5 लाख से अधिक बीपीएड, सीपीएड और डीपीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेेदन किया था। 4 से 9 अप्रैल 2017 तक काउंसिलिंग होनी थी लेकिन 23 मार्च 2017 को ही सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी थी।