राज्य सरकार ने जिले के चार पांच सितारा होटल हयात रीजेंसी, लेमन ट्री, द पिकाडिली और फेयरफील्ड मैरियट को क्वारंटीन में बदलने का फैसला किया है। इन होटलों में जिले में कोरोना वायरस से लड़े रहे मेडिकल स्टॉक के ठहरने के व्यवस्था की जाएगी। जो कोरोना वायरस के लिए लगातार लड़ रहे हैं।
लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लखनऊ के चार पांच 5 सितारा होटलों को क्वारंटीन जोन में बदल दिया है। इन होटलों को कोरोना से लड़ रहा मेडिकल स्टॉफ के लिए रूकने की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही राज्य के अन्य जिलों में भी मेडिकल स्टॉफ के लिए इसी तरह की व्यवस्था की जा रही है।
राज्य सरकार ने जिले के चार पांच सितारा होटल हयात रीजेंसी, लेमन ट्री, द पिकाडिली और फेयरफील्ड मैरियट को क्वारंटीन में बदलने का फैसला किया है। इन होटलों में जिले में कोरोना वायरस से लड़े रहे मेडिकल स्टॉक के ठहरने के व्यवस्था की जाएगी। जो कोरोना वायरस के लिए लगातार लड़ रहे हैं। राज्य में लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण राज्य में लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 72 पार कर चुकी है और अभी तक हजारों की संख्या में प्रवासी मजबूर अपने अपने घरों को लौट रहे हैं।
वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ में डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों और अर्धसैनिक कर्मचारियों आराम की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए चार पांच सितारा होटलों को क्वारंटीन जोन में बदल दिया है। इसमें चार पांच सितारा होटल हयात रीजेंसी, लेमन ट्री, द पिकाडिली और फेयरफील्ड मैरियट शामिल हैं। लखनऊ प्रशासन ने उन डॉक्टरों, नर्सों और अर्धसैनिक कर्मचारियों को लॉज में ठहराने का फैसला किया है जो यहां कोरोनोवायरस मामलों के लिए लगातार कई दिनों से ड्यूटी में हैं।
जिला प्रशासन का कहना है कि मेडिकल स्टाफ कोरोनोवायरस की लड़ाई लड़ रहे हैं, उन्हें भी इस संक्रमण से संक्रमित होने का खतरा है। लिहाजा कोरोनोवायरस वार्ड में अपनी शिफ्ट के साथ खत्म होने के बाद डॉक्टर और अन्य सभी मेडिकल कर्मचारी इन होटलों में रहेंगे। राम मनोहर लोहिया संस्थान का स्टाफ फेयरफील्ड एसजीपीजीआई कर्मचारी पिकैडिली और लेमन ट्री होटलों में निवास करेंगे।
लखनऊ के अलावा, राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के होटल, गेस्ट हाउस और सरकारी आवास को मेडिकल स्टाफ के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही यूपी सरकार ने प्रवासी कामगारों के लिए हॉस्टल और धर्मशालाओं में रूकने की व्यवस्था की जा रही है।