योगी आदित्यनाथ सरकार में अगले हफ्ते तक फेरबदल हो सकता है। ये पहले से ही कहा जा रहा था कि सावन के खत्म होने के बाद योगी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। हालांकि 28 जुलाई को भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ में थे और तभी संभावित नामों पर चर्चा हुई थी। लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका था। कैबिनेट में शामिल हने वाले नेताओं की लंबी लिस्ट है और इसके साथ ही मंत्रियों का प्रमोशन भी होना है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अहम बैठक है। माना जा रहा है कि इस बैठक में योगी कैबिनेट के विस्तार पर मुहर लगेगी। फिलहाल चर्चा ये है कि योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों की सूची लेकर दिल्ली से लौटेंगे।
योगी आदित्यनाथ सरकार में अगले हफ्ते तक फेरबदल हो सकता है। ये पहले से ही कहा जा रहा था कि सावन के खत्म होने के बाद योगी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। हालांकि 28 जुलाई को भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ में थे और तभी संभावित नामों पर चर्चा हुई थी। लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका था। कैबिनेट में शामिल हने वाले नेताओं की लंबी लिस्ट है और इसके साथ ही मंत्रियों का प्रमोशन भी होना है। लिहाजा सबको साधना पार्टी के लिए आसान नहीं है।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पार्टी अद्यक्ष अमित शाह से इस मामले में अहम मुलाकात है और जिस पर दोनों की सहमति से मुहर लगाई जाएगी। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि पार्टी 63 सीटें मिली है। जबकि 2014 में पार्टी को 73 सीटें मिली थी। लेकिन इस बार मुकाबला मजबूत था क्योंकि सपा और बसपा का गठबंधन था और इसके बावजूद पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया।
लिहाजा पार्टी पर भी इस बात का दबाव है कि जिन विधायकों, नेताओं और मंत्रियों ने अच्छा काम किया है उन्हें कैबिनेट में समाहित किया जाएया और मंत्रियों को प्रमोट किया जाए। ऐसा कहा जा रहा है कि अगले हफ्ते प्रस्तावित कैबिनेट के विस्तार पर सहमति बन सकती है। जिसके बाद मंगलवार के बाद किसी भी दिन उत्तर प्रदेश कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।
दिल्ली में पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ की अमित शाह, जेपी नड्डा की बैठक हुई थी और इसमें नए संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी बुलाया गया था। फिलहाल योगी कैबिनेट में इस समय कुल 43 सदस्य हैं जबकि राज्य में विधायकों की संख्या को देखते हुए 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं अभी राज्य सरकार के सामने 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव भी हैं। लिहाजा पार्टी सभी नेताओं का सामाजिक समीकरण के जरिए साधकर उपचुनाव जीतने की तैयारी कर सकती है।