भारत का मुकाबला करने में हांफ रहा ड्रैगन, ऐसे खुल गई चीन की पोल

बीजिंग नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स के मुताबिक, चीन की दूसरी तिमाही में GDP में गिरावट, जबकि भारत की जीडीपी अनुमान से भी आगे। 

China s GDP declines India s economic growth rate ahead in financial year 2024

नयी दिल्ली। भारत का मुकाबला करने में चीन के पसीने छूट रहे हैं। सुस्त विकास दर की वजह से ड्रैगन हांफ रहा है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में चीन का विकास दर अनुमान से काफी पीछे है, जबकि भारत की विकास दर अनुमान से आगे है। बीजिंग नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स (NBS) ने सोमवार यानी 15 जुलाई, 2024 को इस बारे में घोषणा की, जिससे यह तस्वीर स्पष्ट हो गई है। ड्रैगन की दूसरी तिमाही में GDP की विकास दर 4.7 फीसदी है, जबकि पहली तिमाही में यह मौजूदा समय से ज्यादा यानी 5.3 फीसदी थी। वहीं दूसरी तिमाही में भारत का ग्रोथ रेट 7.6 फीसदी रहा। 

दूसरी तिमाही में जी​डीपी घटकर 4.7 फीसदी

चीन सरकार की तरफ से सोमवार को कहा गया कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की दूसरी तिमाही में उसकी जीडीपी घटकर 4.7 फीसदी हो गई है। हालांकि पहली तिमाही के आंकड़ों के आधार पर चीन की दूसरी तिमाही में जीडीपी के लिए 5.1 फीसदी ग्रोथ रेट का आंकलन किया गया था, पर चीन उन अनुमानों से बहुत पीछे रह गया। यह आंकड़े ऐसे समय में जारी हुए हैं, जब चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) ने एक अहम बैठक शुरू की। ताकि चीन की इकोनॉमी में दोबारा जान फूंकी जा सके। 

चार दिवसीय बैठक में तय होगा विकास का एजेंडा

यह बैठक 'थर्ड प्लेनम' नाम से हो रही है, जो चार दिवसीय होगी। उसमें कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के 376 पूर्ण सदस्यों के अलावा वैकल्पिक सदस्य भी शामिल हो रहे हैं। बैठक में प्रमुख तौर पर सुधारों को व्यापक रूप से बढ़ाने पर बात होगी। चीन के आधुनिकीकरण को गति देने से जुड़े विषय पर भी चर्चा की संभावना है। बैठक में विचार किया जाएगा कि जनसांख्यिकीय संकट, सुस्त विकास दर और बढ़ते सरकारी ऋणों से प्रभावित इकोनॉमी को पटरी पर कैसे लाया जाए?

चीन में घरेलू मांग अपर्याप्त

बीजिंग नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स के मुताबिक, घरेलू मांग अपर्याप्त है और मौजूदा समय में बाहरी वातावरण जटिल बना हुआ है। ऐसे में आर्थिक सुधारों की नींव मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक को अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह अगले दशक के लिए सुधार एजेंडा तय कर सकती है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगुवाई में बैठक हो रही है। 

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