दुश्मनों के दांत खट्टे कर देगा भारत का ये नया हथियार, दहल जाएंगे चीन-पाक

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jul 6, 2024, 6:56 PM IST
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Defence News: भारतीय सेना को जल्द ही एक नई तोप की सौगात मिलने जा रही है। भारत का यह नया हथियार जंग के मैदान में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देगा। डीआरडीओ और एलएंडटी ने मिलकर इसका निर्माण किया है।

Defence News: भारतीय सेना को जल्द ही एक नई तोप की सौगात मिलने जा रही है। भारत का यह नया हथियार जंग के मैदान में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देगा। डीआरडीओ और एलएंडटी ने मिलकर इसका निर्माण किया है। 'जोरावर' टैंक को पहली बार सामने लाया गया है। टैंक के निर्माण में सेना की जरूरतों का ध्यान रखा गया है। पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों से मुकाबला करने में टैंक भारतीय सेना के काम आएगा। 

क्या है टैंक की खासियत?

'जोरावर' टैंक आसानी से पहाड़ों पर चढ़ाई कर सकता है। हैवी वेट टैंक T-72 और T-10 की तुलना में इसका वजन कम है। मतलब टैंक को हवाई जहाज की मदद से एक से दूसरे जगह ले जाने में भी आसानी होगी। साथ ही तालाब या नदियों को बिना बाधा के पार भी कर सकेगा। 25 टन वजनी इस टैंक को साल 2027 में भारतीय सेना को सौंपा जा सकता है। बहरहाल, अभी आर्मी के लिए 59 टैंकों का आर्डर दिया गया है।

जनरल जोरावर सिंह के नाम पर टैंक का नाम

आपको बता दें कि डोगरा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर इस टैंक का नामकरण किया गया है। वह भारतीय सेना के जांबाज जनरल थे। 19वीं सदी में लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत में इंडियन आर्मी का नेतृत्व किया था। डीआरडीओ टैंक लैब के निदेशक राजेश कुमार के मुताबिक, टैंकों की वजन के आधार तीन कैटेगरी होती है। भारी, मध्यम और हल्के टैंक। सबकी अपनी—अपनी भूमिका होती है। हल्के टैंक सुरक्षा और आक्रमण दोनों में अहम भूमिका निभाते हैं। वह कहते हैं कि दुनिया में कई देश हल्के टैंक का निर्माण कर रहे हैं। उनमें पश्चिमी देश, रूस और चीन शामिल हैं। जोरावर टैंक को इस तरह बनाया गया है कि समान वजन में सभी मानकों पर खरा उतरे।

भारतीय सेना की ताकत में इजाफा

L&T के कार्यकारी उपाध्यक्ष अरुण रामचंदानी के अनुसार, कम समय ​में डेवलप किया गया यह टैंक रक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाएगा। भारतीय सेना की ताकत में इजाफा करेगा। इस शक्तिशाली हथियार से दुनिया को भी बड़ा संदेश जाएगा और दुश्मनों में हमारा खौफ बढ़ेगा। नतीजतन, हमारी सीमा की तरफ देखने से भी दुश्मन डरेंगे। यह हथियार भारत की अभियांत्रिकी क्षमता का प्रतीक है। 

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