केरल, भारत का एक स्वच्छता का प्रतीक, 2025 तक कचरा-मुक्त राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जानें कैसे हरित केरलम मिशन के तहत स्थानीय बॉडीज ने सफाई और कचरे के उचित प्रबंधन के लिए सक्रिय भूमिका निभाई है।
नई दिल्ली। केरल भारत का एक ऐसा राज्य बनता जा रहा है, जो स्वच्छता और वेस्ट-फ्री मॉडल बनने में सबसे आगे है। राज्य सरकार ने केरल को 2025 तक कचरा-मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। जिसमें स्थानीय निकायों और समुदाय की भागीदारी भी रहेगी। इसका मकसद हर स्थानीय निकाय के कम से कम एक शहर को ‘ग्रीन टाउन’ के रूप में बदलना है। हर निकाय को वेस्ट मैनेजमेंट के आदर्श मॉडल में तब्दील किया जा रहा है।
820 से ज्यादा कस्बों को ‘ग्रीन टाउन’ टैग
केरल में हर पंचायत को दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। इसमें 100% कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करना, कचरा न जलाने की पॉलिसी, सौंदर्यीकरण के प्रयास, सामुदायिक सफाई अभियान, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट और प्रत्येक सार्वजनिक स्थल पर कूड़ेदान लगाने जैसी एक्टिविटीज शामिल हैं। केरल ने 820 से ज्यादा कस्बों को ‘ग्रीन टाउन’ टैग देकर देश के अन्य राज्यों के सामने एक मिसाल पेश की है।
राज्य की लोकल बॉडी निभा रहीं सक्रिय भूमिका
हरित केरलम मिशन के तहत इस अभियान का संचालन किया जा रहा है। मिशन की उपाध्यक्ष टी.एन. सीमा के अनुसार, राज्य की लगभग हर लोकल बॉडी ने इस पहल में सक्रिय भागीदारी निभाई है। सबसे पहले वेस्ट-फ्री दर्जा देने के दिशा-निर्देश तय किए गए और इस काम का मूल्यांकन करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया। यह टीम विभिन्न कस्बों और शहरों का रेगुलर निरीक्षण करती है।
‘हरित केरलम सेना’ के सदस्य कर रहें ये काम
इस अभियान में पब्लिक डंपिंग को रोकना, गंदे पानी का उचित प्रबंधन और सभी थोक वेस्ट जनरेटरों में सही वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू करना अनिवार्य है। ‘हरित केरलम सेना’ के सदस्य नियमित अंतराल पर कचरे को अलग करने, इकट्ठा करने और हटाने का कार्य करते हैं। गंदगी को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
पेरालास्सेरी ग्राम पंचायत का शहर मुन्नुपेरिया बना मॉडल
केरल के कन्नूर जिले के पेरालास्सेरी ग्राम पंचायत का छोटा सा शहर मुन्नुपेरिया उन 820 पंचायतों में से एक है जिसे ‘ग्रीन टाउन’ का टैग प्राप्त हुआ है। यह कस्बा न केवल साफ-सुथरा है बल्कि हरे-भरे वातावरण से घिरा हुआ है। इस पंचायत में हर सुबह 5 बजे सफाई अभियान की शुरुआत होती है, जो एक घंटे तक चलता है। सफाई का ऐसा माहौल बनाया गया है कि स्थानीय लोग खुद को कचरा फैलाने से रोकते हैं। बस शेल्टरों का पुनर्निर्माण किया गया है और शहर को पूरी तरह से एक नया रूप दिया गया है।
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