भारत ने दुनिया को दिखाया दम, बनाया सबसे पॉवरफुल गैर-परमाणु विस्फोटक...वॉर में साबित होगा गेमचेंजर

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Jul 1, 2024, 6:38 PM IST
Highlights

भारत को दुनिया का सबसे पॉवरफुल गैर-परमाणु विस्फोटक बनाने में सफलता हासिल हुई है। विस्फोटक SEBEX 2 का सफल परीक्षण हो चुका है। इस गैर परमाणु विस्फोटक की विनाशकारी कैपेसिटी बहुत अधिक है।

नई दिल्ली। भारत को दुनिया का सबसे पॉवरफुल गैर-परमाणु विस्फोटक बनाने में सफलता हासिल हुई है। विस्फोटक SEBEX 2 का सफल परीक्षण हो चुका है। इस गैर परमाणु विस्फोटक की विनाशकारी कैपेसिटी बहुत अधिक है। किसी भी विस्फोटक की तबाही मचाने की क्षमता का आंकलन टीएनटी (ट्राइनाइट्रोटोलुइन) के आधार पर किया जाता है। उस पैमाने पर SEBEX 2 (सेबेक्स 2) का आंकलन किया गया। उसकी विस्फोटक कैपेसिटी टीएनटी से दोगुने से अधिक है। 

नौसेना कर चुकी है SEBEX 2 का परीक्षण

इस नई उप​लब्धि से भारत डिफेंस सेक्टर में एक कदम आगे बढ़ा है। भारतीय सेना की मारक क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी और डिफेंस सेक्टर में निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेबेक्स 2 के परफॉर्मेंस से यह दुनिया के सबसे पॉवरफुल विस्फोटकों में से एक बना है, जो गैर परमाणु विस्फोटक है। नौसेना इसका परीक्षा भी कर चुकी है और यूज के लिए हरी झंडी भी दे दी है। 

क्या है सेबेक्स 2 की खासियत?

सेबेक्स 2 नई विधि से तैयार किया गया है। यह बम की विस्फोटक कैपेसिटी बढ़ा सकता है। वह भी बिना वजन बढ़ाए। तोपखाने के गोले और वारहेड्स की विनाशकारी शक्ति में जबरदस्त इजाफा लाएगा। इसकी ताकत ऐसी है कि दुनिया के देश सेबेक्स 2 की डिमांड कर सकते हैं। मतलब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत के लिए एक नया मार्केट खुलने की उम्मीद है। वैसे भी इस वक्त दुनिया भर की ​ताकतों का ध्यान अपनी मौजूदा हथियार प्रणाली को घातक बनाने पर लगा हुआ है। 

भारतीय सेना की मारक क्षमता में होगा इजाफा

रिपोर्ट के अनुसार, यह विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वॉरहेड में यूज होने वाले विस्फोटक से भी घातक है। मिसाइल के वॉरहेड में करीबन 1.50 टीएनटी का विस्फोटक यूज होता है। दुनिया भर के वॉरहेड में टीएनटी की तुलना में 1.25-1.30 कैपेसिटी का विस्फोटक यूज होता है। जानकारी के अनुसार, विस्फोटक उतना ही घातक साबित होगा, जिसकी टीएनटी ज्यादा होगी। सेबेक्स 2 तेजी से पिघलने वाले विस्फोटक के कंपोजिशन के आधार पर तैयार किया गया है। इससे युद्ध सामग्री की मारक क्षमता में इजाफा होगा। चाहे वह हवा से गिराए जाने वाले बम हों या फिर तोपखाने के गोले। 

ये भी पढें-सैन्य अफसरों का मैन्यूफैक्चरिंग हब है MP का ये स्कूल- यहीं के 2 पूर्व छात्रों ने शीर्ष पर पहुंच रच द...

click me!