आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर दुनिया की दिग्गज कम्पनियों के बीच रेस चल रही है। भारत भी उससे अछूता नहीं है। गूगल और माइक्रोसाफ्ट जैसे कई टेक कम्पनियों की नजर देश पर है। भारत की सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ पहले ही आकर्षित कर चुकी है।
नयी दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर दुनिया की दिग्गज कम्पनियों के बीच रेस चल रही है। भारत भी उससे अछूता नहीं है। गूगल और माइक्रोसाफ्ट जैसे कई टेक कम्पनियों की नजर देश पर है। भारत की सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ पहले ही आकर्षित कर चुकी है। मौजूदा समय में कमोबेश हर हाथ में मोबाइल है। भारत उस प्रमुख प्लेयर के रूप में उभर रहा है, जो AI टेक्नोलॉजी का भविष्य गढ़ सकता है। अब अल्फाबेट यानी गूगल की मूल कम्पनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक राउंडटेबल में देश की कैपेसिटी को लेकर बड़ी बात कही है। उसे सुनकर आपको भी अपने देश पर गर्व होगा।
ग्लोबल एआई डेवलपमेंट को प्रभावित करने की स्थिति में भारत
रिपोर्ट्स के अनुसार, सुंदर पिचाई ने कहा कि भारत ग्लोबल एआई डेवलपमेंट को प्रभावित करने की स्थिति में है, क्योंकि एआइ टूल्स यूजर्स बेस में वह अग्रणी है। कम्पनी के सालाना I/O 2024 कॉन्फ्रेंस के दौरान एक राउंडटेबल में पिचाई ने उभरते देशों के आगे बढ़ने के अवसर पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी शिफ्ट भारत समेत अन्य उभरते देशों को ग्रो करने का मौका देता है।
मोबाइल तक ज्यादा लोगों की पहुंच
रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने पर्सनल कम्पयूटिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मामले में भारत कभी भी विकसित देशों को पछाड़ नहीं सकता था। पर मोबाइल तक ज्यादा लोगों की पहुंच हो गई है। एक समय था कि लोगों के पास लैंडलाइन फोन उपलब्ध नहीं थे। अब ज्यादातर लोगों के हाथों में मोबाइल है।
यूजर्स बेस में भारत नंबर एक
एआई टूल्स का जिक्र करते हुए पिचाई ने कहा कि यूजर्स बेस के मामले में भारत नंबर एक देश है। हम बेहतर एआई टूल्स लाएंगे। अभी मौजूदा टूल्स को काफी डेवलप किया जाना है। कम्पनी के अप्रोच में लंबे समय से AI-फर्स्ट रहा है। हमारे पास बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है। जिसे एआई युग के लिए ही विकसित गया है।