भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की स्पीड दुनिया भर की पॉवरफुल कंट्रीज से भी तेज है। इसको लेकर अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा का बड़ा बयान सामने आया है।
मुंबई। भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की स्पीड दुनिया भर की पॉवरफुल कंट्रीज से भी तेज है। इसको लेकर अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा का बड़ा बयान सामने आया है। उनके अनुसार, भारत आने वाले 7 वर्षों यानी 2031 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2060 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत को पार करनी होंगी ये चुनौतियां
वह मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत को विभिन्न चुनौतियों को पार करना होगा। उनमें लेबर प्रोडक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर और जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान अहम है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए अर्थव्यवस्था को हरित बनाने से जुड़ी चुनौतियों से भी निपटना होगा।
2031 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा भारत
डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने कहा कि हमारे स्ट्रेंथ को देखते हुए यह कल्पना की जा सकती है कि भारत अगले दशक यानी 2048 तक नहीं, बल्कि 2031 तक ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा। अनुमान के मुताबिक, यदि अगले 10 वर्षों में भारत 9.6 फीसदी की सालाना दर से ग्रोथ हासिल करता है तो हमें निम्न मध्यम आय के जाल से मुक्ति मिल जाएगी। भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था के बन सकता है। जिसकी झलक प्रति व्यक्ति आय में भी स्पष्ट दिखनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाकर खड़ा करना है तो हमारी प्रति व्यक्ति आय की सीमा 34,000 अमेरिकी डॉलर तक होनी चाहिए।
OECD के मुताबिक, 2048 तक दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि हमारी नेशनल करेंसी के आधार पर मापी गई जीडीपी की तुलना दूसरे देशों से नही की जानी चाहिए, क्योंकि मौजूदा समय में मार्केट में निर्धारित किए गए एक्सचेंज रेट्स काफी अस्थिर है। ऐसे में हर देश की औसतन गुड्स एंड सर्विसेज की कीमत से संबंधित पर्चेजिंग पॉवर पैरिटी (PPP) ही इसका उपाय है। पीपीपी से तुलना करने पर स्थिति बदल जाती है। इस बेस पर आंकड़े देखे जाएं तो भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। हालांकि, OECD (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट) का अनुमान है कि 2048 तक भारत दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।