Indian Army: भारतीय सेना की कैपेसिटी का पूरी दुनिया लोहा मानती है। सैनिक देश के सीमाओं की रक्षा के साथ विपरीत परिस्थितियों में आम लोगों की मदद भी करते हैं। सिक्किम में आर्मी ने ऐसा ही एक हैरतअंगेज काम कर दिखाया।
नयी दिल्ली। भारतीय सेना विपरीत हालात में देश सेवा से पीछे नहीं हटती है। तभी तो मूसलाधार बारिश के बीच सेना के जांबांजों ने सिक्किम में बाढ़ के कारण कटे हुए क्षेत्र की कनेक्टिविटी फिर बहाल की। दिकचू-सांकलांग सड़क पर 70 फीट लंबे बेली ब्रिज का निर्माण किया। वह भी सिर्फ 72 घंटे में। बीआरओ और स्थानीय प्रशासन के प्रयासों को सपोर्ट किया। त्रिशक्ति कोर के सेना के इंजीनियरों ने भारी बारिश में चुनौती पार करते हुए यह इतिहास रचा।
बाढ़ से क्षत्रिग्रस्त हुई हैं सड़कें
दरअसल, बाढ़ के कारण उत्तरी सिक्किम के कई इलाकों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। सड़क संचार टूट गया। कनेक्टिविटी बहाल करने में सेना से मदद मांगी गई तो आर्मी के इंजीनियरों ने डेट खोला में एक बेली पुल बना दिया। 23 जून को काम शुरू हुआ था। मौसम भी विपरीत था। ऐसी स्थितियों में 72 घंटे के अंदर ब्रिज बनकर तैयार हो गया।
वन मंत्री ने की इंडियन आर्मी के प्रयासों की सराहना
यह पुल डिक्चु से सांकलांग और चुंगथांग की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए महत्वपूर्ण है। नव निर्मित ब्रिज के माध्यम से मंगन जिले के प्रभावितों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। राज्य के वन मंत्री और आपदा प्रबंधन के राज्य सचिव पिंटसो नामग्याल लेप्चा ने आर्मी के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने 27 जून को साइट का दौरा किया था।
मानसून एक्टिव होने के बाद मूसलाधार बारिश
सिक्किम में दक्षिण-पश्चिम मानसून एक्टिव होने के बाद से मूसलाधार बारिश हो रही है। हर तरफ तबाही मची हुई है। लैंडस्लाइड से हालात और भी बिगड़ गए हैं। आलम यह है कि लोग बाहन निकलने से बच रहे हैं। ऐसे हालातों के बीच इंडियन आर्मी ने यह इतिहास रचा।