2025 में भारतीयों को बड़ा तोहफा: रूस यात्रा बनेगी आसान, होने जा रहा ये बड़ा काम

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Dec 16, 2024, 4:32 PM IST

2025 से भारतीय नागरिकों को रूस यात्रा के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा की गई इस घोषणा से भारत-रूस संबंधों में और मजबूती आएगी। 

India Russia Realation: भारत और रूस के ऐतिहासिक और दोस्ताना संबंधों की चर्चा दुनिया भर में होती है। पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच लगातार हो रही मुलाकातें और बातचीत इस दोस्ती को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। अब एक और बड़ा काम होने वाला है, जो इस रिश्ते को और मजबूत करेगा। साल 2025 से भारतीय सिटिजन बिना वीजा के रूस की यात्रा कर सकेंगे। रूस के प्रेसीडेंट व्लादिमीर पुतिन ने यह घोषणा की है। यह कदम भारत-रूस संबंधों में एक मील का पत्थर साबित होगा 

रूस के वीजा नियमों में बड़ा बदलाव

रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 से रूस भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। यह फैसला दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों और गहराते रिश्तों का नतीजा है। अगस्त 2023 से भारतीय नागरिक, रूस यात्रा के लिए ई-वीजा का लाभ उठा रहे हैं। ई-वीजा प्राप्त करने के प्रॉसेस में लगभग चार दिन लगते हैं। देखा जाए तो भारतीय यात्रियों को पहले ही काफी सुविधा मिली है।

2023 में 60,000 इंडियंस ने की रूस यात्रा

2023 में 60,000 से अधिक भारतीयों ने रूस की यात्रा की, जो 2022 की तुलना में 26% अधिक है। भारतीय पर्यटकों के मामले में रूस की यात्रा करने वाले गैर-सीआईएस देशों में भारत तीसरे स्थान पर है। 2024 की पहली तिमाही में ही लगभग 1,700 ई-वीजा जारी किए गए थे।

किन देशों के नागरिकों को रूस देता है वीजा-मुक्त एंट्री?

फिलहाल, रूस के वीज़ा-मुक्त टूरिस्ट प्रोग्राम के तहत चीन और ईरान जैसे देशों के सिटिजन को यह फेसिलिटी दी जाती है। अब भारत भी इस लिस्ट में शामिल होने जा रहा है, जिससे भारतीयों के लिए रूस की यात्रा और आसान और सुलभ हो जाएगी। हालांकि भारत और रूस की बढ़ती नजदीकियों से अमेरिका खुश नजर नहीं आ रहा है।

अमेरिका का रिएक्शन

भारत और रूस के बढ़ते सहयोग पर अमेरिका की असहजता किसी से छिपी नहीं है। हाल ही में अमेरिकी नेता निक्की हेली ने कहा कि भारत रूस के साथ साझेदारी इसलिए करता है, क्योंकि उसे अमेरिकी नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत अमेरिकी नेतृत्व को कमजोर मानता है। हालांकि, भारत ने हमेशा स्वतंत्र विदेश नीति को प्राथमिकता दी है और रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखा है।

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