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भारत के नाम एक और उपलब्धि: ISRO ने लॉन्च किया अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, जानें इसकी खासियत

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Aug 16, 2024, 10:36 AM ISTUpdated : Aug 16, 2024, 11:18 AM IST
भारत के नाम एक और उपलब्धि: ISRO ने लॉन्च किया अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, जानें इसकी खासियत

सार

इसरो (ISRO) ने सफलतापूर्वक पृथ्वी आब्जर्वेशन और SR-O डेमोसैट सेटेलाइट को इंटेंड क्लास में स्थापित किया। इसरो का SSLV-D3-EOS-08 मिशन अंतरिक्ष निगरानी और आपदा प्रबंधन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा।

श्रीहरिकोटा। इसरो (ISRO) ने आज अपनी एक और सफलता के साथ अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई उपलब्धि हासिल की। स्पेस एजेंसी ने पृथ्वी आब्जर्वेशन सेटेलाइट EOS-08 और SR-O डेमोसैट को स्माल सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल-D3 (SSLV-D3) के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस महत्वपूर्ण प्रक्षेपण के दौरान, रॉकेट ने सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 9:17 बजे उड़ान भरी, और अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया। इसरो के इस सफल मिशन ने न केवल भारत की स्पेश क्षमता को प्रदर्शित किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि देश स्पेश रिसर्च और डेवलपमेंट के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

क्या है इस मिशन का उद्देश्य?
बेंगलुरु स्थित इसरो की नेशनल स्पेस एजेंसी के अनुसार, इस मिशन का मुख्य उद्देश्य एक माइक्रोसैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना था, जो कई हाईटेक पेलोड्स से सुसज्जित है।

EOS-08 सेटेलाइट में शामिल हैं 3 प्रमुख पेलोड्स
1. इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR)
2. ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R)
3. SiC UV डोसिमीटर।

 

EOIR पेलोड से किस चीज की हो सकती है निगरानी?
EOIR पेलोड विशेष रूप से सेटेलाइट आधारित निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पेलोड मिड-वेव IR (MIR) और लॉन्ग-वेव IR (LWIR) बैंड में छवियों को दिन और रात दोनों समय कैप्चर कर सकता है, जो आपदा प्रबंधन और पर्यावरण निगरानी जैसे कार्यों में अत्यंत सहायक है।

प्राकृतिक आपदाओं के आकलन में होगा मददगार
GNSS-R पेलोड महासागर सरफेस विंड विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन और बाढ़ की निगरानी के लिए एक नई संभावना प्रस्तुत करता है। यह पेलोड GNSS-R आधारित रिमोट सेंसिंग का उपयोग करता है, जो हिमालयी क्षेत्र और इनलैंड वॉटर बॉडीज के अध्ययन में महत्वपूर्ण साबित होगा।

UV रेडियशन की भी करेगा निगरानी
SiC UV डोसिमीटर, गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल में UV रेडियशन की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यह डोसिमीटर गामा रेडियशन के लिए हाई डोजेज अलार्म सेंसर के रूप में भी कार्य करता है, जिससे स्पेश यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।


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