DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी पिनाका रॉकेट सिस्टम का सफल परीक्षण भारत की डिफेंस कैपेसिटी को और मजबूत बनाएगा। 75 किमी तक मारक क्षमता और सटीकता से लैस यह सिस्टम दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है।
Pinaka Rocket System: स्वदेशी पिनाका रॉकेट सिस्टम की सफल टेस्टिंग कर भारत ने डिफेंस सेक्टर में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। यह सिस्टम भारत की डिफेंस कैपेसिटी को और अधिक मजबूत बनाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा की गई टेस्टिंग में पिनाका की सटीकता, रेंज और मारक क्षमता की जांच की गई। भारत की इस सफलता से चीन और पाकिस्तान को झटका लगेगा। यह हमारी सैन्य ताकत को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
क्या है पिनाका रॉकेट सिस्टम?
पिनाका रॉकेट सिस्टम एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर है, जिसे DRDO द्वारा डेवलप किया गया है। इसका नाम भगवान शिव के धनुष "पिनाक" पर रखा गया है। यह सिस्टम वॉर जोन में दुश्मनों के ठिकानों को सटीक निशाने पर लेकर उन्हें तबाह करने में सक्षम है। इसकी लंबाई 16 फीट 3 इंच से 23 फीट 7 इंच तक है। व्यास 8.4 इंच और तीन वैरिएंट्स MK-1, MK-2, MK-3 (निर्माणाधीन) हैं।
पिनाका की खासियत क्या?
पहले पिनाका की मारक क्षमता 38 किलोमीटर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 75 किलोमीटर कर दिया गया है। यह 25 मीटर के दायरे में बेहद सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। इसकी गति 1000-1200 मीटर प्रति सेकेंड है। यानी यह एक सेकेंड में एक किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। सैल्वो मोड में एक साथ कई रॉकेट दागे जा सकते हैं, जो दुश्मन के बड़े क्षेत्रों को तबाह करने में सक्षम हैं। अब पिनाका में गाइडेड सिस्टम जोड़ा गया है, जिससे इसकी सटीकता और स्थिरता में काफी सुधार हुआ है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।
पिनाका के सभी परीक्षण सफल रहें, सेना में तैनाती के लिए तैयार
DRDO ने हाल ही में प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (PSQR) वैलिडेशन ट्रायल के तहत पिनाका रॉकेट सिस्टम के कई उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए। कई फील्ड फायरिंग रेंज में टेस्टिंग की गई। हर चरण में रेंज, सटीकता और स्थिरता की बारीकी से जांच की गई। परीक्षणों में कुल 12 रॉकेट दागे गए। ये परीक्षण अपग्रेड किए गए पिनाका लॉन्चरों से किए गए थे। मंत्रालय ने पुष्टि की कि सभी परीक्षण सफल रहे और यह प्रणाली सेना में तैनाती के लिए तैयार है।
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