पुतिन से मिलकर बोले राजनाथ सिंह, 'भारत-रूस की दोस्ती दुनिया के लिए मिसाल'

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Dec 10, 2024, 11:47 PM IST

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। बैठक में रक्षा सहयोग, तकनीकी साझेदारी, और भारत-रूस की अटूट दोस्ती को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई।

नई दिल्ली। मंगलवार को मॉस्को में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। 21वें IRIGC-M&MTC सत्र के अवसर पर आयोजित बैठक के दौरान रक्षा मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं राष्ट्रपति पुतिन तक पहुंचाईं। बैठक में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर गंभीर चर्चा हुई। 

भविष्य में और मजबूत होगी मित्रता

राजनाथ सिंह ने भारत और रूस की दोस्ती को हिमालय से ऊंची और महासागरों से गहरी बताया। दोनों देशों की मित्रता को भविष्य में और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताई। रक्षा तकनीकी सहयोग को और अधिक उन्नत बनाने पर जोर दिया गया। दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में साझा प्रयासों के माध्यम से उल्लेखनीय परिणाम हासिल करने का संकल्प लिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने रूसी मित्रों का साथ दिया है। भविष्य में दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

नई संभावनाओं की ओर बढ़े कदम

बैठक में रक्षा और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में नए अवसर तलाशे गए। दोनों देशों ने तकनीकी हस्तांतरण और साझा विकास पर सहमति जताई। यह बैठक न केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित रही, बल्कि सामरिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने के संकेत के साथ समाप्त हुई। 

समय की कसौटी पर खरी उतरी है दोनों देशों की दोस्ती

मॉस्को में हुई यह बैठक भारत-रूस के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। राजनाथ सिंह और व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत ने यह साबित किया कि भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी है। आने वाले समय में, यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी एक मिसाल बनेगी।

भारत और रूस के संबंध दशकों पुराने

सोवियत संघ के समय से भारत ने हमेशा रूस को अपना रणनीतिक साझेदार माना है। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है। रक्षा क्षेत्र में सहयोग भारत-रूस संबंधों का एक प्रमुख हिस्सा है। उपकरणों और तकनीक का आदान-प्रदान जैसे S-400 मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, और अन्य रक्षा परियोजनाओं में भारत को रूस का सहयोग मिला।

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