दुश्मनों के छक्के छुड़ाने को तैयार भारत का टी-90 भीष्म टैंक, नया वर्जन बेहद ताकतवर

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published May 14, 2024, 3:23 PM IST

भारत का युद्धक टैंक टी-90 भीष्म दुश्मनों के छक्के छुड़ाने को तैयार है। इसका MK3 मॉडल बनकर तैयार है। टैंक का नया वर्जन बेहद ताकतवर है, जो दुश्मनों पर आग बरसाएगी। 

नयी दिल्ली। भारत का मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म नये वर्जन (MK3 मॉडल) में बनकर तैयार है। अब यह ज्यादा ताकतवर बन गया है। चेन्नई के अवादी में मौजूद हैवी व्हीकल फैक्ट्री से नया बैच निकला है। टैंक में हुए कई बड़े बदलाव में इसकी फायर कैपेसिटी बढ़ाई गई है। सुरक्षा प्रणाली को अपग्रेड करने से ऑपरेशनल कैपेबिलिटी को भी ताकत मिली है। हालांकि टैंक की खासियत के बारे में खुलकर नहीं बताया गया है। इसे गुप्त रखा गया है।

भीष्म टैंक के नये वर्जन की खासियत

डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भीष्म टैंक के नये वर्जन में डिजिटल कम्यूनिकेशन सिस्टम, ऑटोट्रैकर, टीकेएन-4एस एजीएटी-एम सीडीआर साइट लगाई गई है। एंटी-थर्मल आईआर कोटिंग और इनवार जीएलजीएमएस से लैस है। टैंक में डिजिटल बैलिस्टिक कंप्यूटर और एलसीडी मॉनिटर भी लगा है। स्वदेशी इक्विपमेंट लगाए गए हैं। 

1200 टैंक सेना में तैनात

देखा जाए तो रूस के मुख्य युद्धक टैंक टी-90 को भारत ने अपने हिसाब से बदला है और उसका नाम भीष्म दिया। अभी इसके लगभग 1200 टैंक सेना में तैनात हैं। 464 टैंक्स बनाने के लिए ऑर्डर दिया गया है। भारत की रूस के साथ डील है कि साल 2025 तक वह 1657 टैंक सेवा में लगाएगा। टैंक में सिर्फ 3 लोगों के ही बैठने की कैपेसिटी है। 

इन युद्ध में हुए इस्तेमाल

टी-90 भीष्म टैंक 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन से लैस है। 43 गोले स्टोर हो सकते हैं। इसकी स्पीड 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है। 550 किलोमीटर रेंज में ऑपरेशन अंजाम दे सकता है। कई देशों में भीष्म टैंक के रूसी वर्जन का यूज हो रहा है। दुनिया भर में हुए युद्ध पर नजर डालें तो इस टैंक ने डोनाबास युद्ध, दागेस्तान वॉर, सीरिया संघर्ष और साल 2020 के नागोमो-काराबख संघर्ष के साथ यूक्रेन में घुसपैठ रोकने में भी काफी मदद की की है।

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