टाइगर कैपिटल आफ इंडिया: भारत के किस शहर को मिला है ये खिताब? जानें खास बातें

By Rajkumar UpadhyayaFirst Published Oct 19, 2024, 5:07 PM IST
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नागपुर, जिसे 'टाइगर कैपिटल ऑफ इंडिया' कहा जाता है, अपने बाघ अभयारण्यों और भौगोलिक स्थिति के लिए मशहूर है। जानिए नागपुर के प्रमुख टाइगर रिजर्व, जैसे पेंच राष्ट्रीय उद्यान, ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व, और उमरेद करंधला वन्यजीव अभयारण्य के बारे में।

नई दिल्ली। नागपुर को 'टाइगर कैपिटल ऑफ इंडिया' कहा जाता है। यह शहर सिर्फ़ अपने संतरों के लिए नहीं, बल्कि अपनी भौगोलिक स्थिति और टाइगर रिजर्व के पास होने के कारण भी मशहूर है। यहाँ से कुछ ही दूरी पर कई प्रमुख बाघ अभयारण्य स्थित हैं, जहाँ बाघों की अच्छी खासी आबादी है। यह शहर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है। नागपुर से 100 किलोमीटर के दायरे में चार प्रमुख टाइगर रिजर्व हैं, जो इसे बाघ प्रेमियों के लिए पंसदीदा जगह बनाते हैं।

पेंच राष्ट्रीय उद्यान (Pench National Park)

नागपुर से सिर्फ 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला हुआ है। पेंच का नाम रुडयार्ड किपलिंग की विश्व प्रसिद्ध किताब "द जंगल बुक" से जुड़ा है, क्योंकि इस किताब की प्रेरणा पेंच के जंगलों से मिली थी। पेंच बाघों की अच्छी संख्या और विविध वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।

ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व (Tadoba-Andhari Tiger Reserve)

नागपुर से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र का सबसे पुराना और सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह रिजर्व बंगाल टाइगर को देखने के लिए सबसे बेहतरीन स्थानों में से एक है। यहाँ की सफारी खासतौर पर वन्यजीव प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध है, क्योंकि बाघों का दर्शन यहाँ आम है।

उम्रेद करंधला वन्यजीव अभयारण्य (Umred Karhandla Wildlife Sanctuary)

नागपुर से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उमरेड करहंडला वन्यजीव अभयारण्य हाल ही में सुर्खियों में आया है। यहाँ की बाघ आबादी में वृद्धि के कारण यह अभयारण्य वन्यजीव प्रेमियों का ध्यान अट्रैक्ट कर रहा है। यह क्षेत्र बाघों के साथ-साथ अन्य वन्यजीवों के लिए भी मशहूर है।

बोर टाइगर रिजर्व

2014 में बोर टाइगर रिजर्व को आधिकारिक रूप से टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। यह नागपुर से 74 किलोमीटर की दूरी पर वर्धा जिले में स्थित है। बोर रिजर्व का उद्देश्य इस क्षेत्र में बाघों की आबादी को सुरक्षित और संरक्षित करना है। यह रिजर्व बाघ संरक्षण के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

बाघ संरक्षण में NTCA की भूमिका अहम

नागपुर में बाघ संरक्षण के प्रयासों में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की अहम भूमिका है। NTCA का क्षेत्रीय कार्यालय भी नागपुर में स्थित है। यह संगठन महाराष्ट्र वन विभाग के साथ मिलकर बाघों की सुरक्षा और उनके आवास की रक्षा के लिए काम करता है।

वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन में आगे है नागपुर

नागपुर के आसपास ताड़ोबा, पेंच, उमरेड करहंडला और बोर के अलावा भी कई अन्य वन्यजीव अभयारण्य हैं जो पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। ये सभी अभयारण्य भारत के वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं। नागपुर का भविष्य वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन में काफी उज्ज्वल है। शहर की अनुकूल भौगोलिक स्थिति और बाघों की अच्छी खासी संख्या इसे पर्यटकों के लिए एक खास जगह बनाती है। 

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