शानदार प्रदर्शन के बूते एशिया कप में अजेय रही भारतीय टीम का मुकाबला फाइनल में बांग्लादेश से होगा। सेमीफानल माने जा रहे मुकाबले में बांग्लादेशी टीम ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल का टिकट कटाया है। इससे पहले 2016 में एशिया कप के फाइनल में भी यही दोनों टीमें आमने-सामने थी लेकिन तब मैच टी-20 का था।
नई दिल्ली— अफगानिस्तान के खिलाफ सबक ले चुकी भारतीय टीम फाइनल मुकाबले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहेगी। वहीं, बांग्लादेशी के सामने बड़ी चुनौती उसके कुछ बड़े खिलाड़ियों का चोटिल होना है। बांग्लादेश से टीम इंडिया को कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। भारत बांग्लादेश की टीम को कड़ा सबक सिखाकर महाद्वीपीय स्तर पर अपनी बादशाहत कायम रखने की कोशिश करेगी। बांग्लादेश को कम करके नहीं आंका जा सकता है क्योंकि बुधवार को उसने कुछ प्रमुख खिलाड़ियों के मैदान में ना होने के बावजूद पाकिस्तानी टीम को हराकर भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच की गुंजाइश खत्म कर दी थी।
एशिया कप के सातवें खिताब के लिए टीम इंडिया मैदान पर होगी। भारत ने 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010 और 2016 में एशिया कप के खिताब अपने नाम कर चुका है। बांग्लादेश पहली बार 2012 में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था लेकिन पाकिस्तान से हार गया था। बांग्लादेश को हालांकि अभी तक अपनी सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना है. चुनौती सिर्फ भारत से फाइनल में भिड़ने की नहीं है बल्कि अपने चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझने की है. तमीम इकबाल पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं। ऑलराउंडर खिलाड़ी शाकिब अल हसन भी चोट के कारण वापस लौट गए हैं. ऐसे में टीम की बल्लेबाजी गेंदबाजी दोनों कमजोर हो गई है।
सुपर फोर के अपने आखिरी मुकाबले में भारतीय टीम को भी कड़ा सबक मिला है। अफगानिस्तान के साथ मुकाबला टाई रहा था। हालांकि, भारतीय टीम ने पांच खिलाड़ियों को आराम दिया था। इस बार टीम इंडिया शायद ही किसी कोताही के मूड में होगी। कप्तान रोहित शर्मा और शिखर धवन की सफल सलामी जोड़ी शीर्ष क्रम में वापसी करेगी तो जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल गेंदबाजी को मजबूती प्रदान करेंगे।
भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज लय में हैं और टूर्नामेंट में कुल 3 शतक लगा चुके हैं। रोहित ने सीरीज में अब तक 269 तो शिखर धवन ने 327 रन बनाए हैं। अच्छी शुरुआत पर काफी कुछ निर्भर करता है।