बीसीसीआई ने खारिज किया सचिन तेंदुलकर के खिलाफ हितों के टकराव का आरोप

By PTI Bhasha  |  First Published May 28, 2019, 5:56 PM IST

एक बार जब बीसीसीआई कार्यक्षेत्र की शर्तों तथा कार्यकाल को स्पष्ट कर देता है तो वह इसका हिस्सा बनने के बारे में फैसला करेंगे। तेंदुलकर खुद को क्रिकेट सलाहकार समिति का हिस्सा नहीं मानते और इस रूप में काम नहीं करेंगे। 

बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी न्यायमूर्ति डीके जैन ने सचिन तेंदुलकर के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप खारिज कर दिये क्योंकि इस दिग्गज क्रिकेटर ने सहमति योग्य ‘कार्यक्षेत्र की शर्तें’ उपलब्ध नहीं कराने की दशा में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएससी) का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है। 

जैन ने अपने दो पेज के फैसले में आरोपों को निराधार करार दिया तथा कहा कि तेंदुलकर ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी कि वह सीएसी के सदस्य के रूप में काम नहीं करेंगे जिसके बाद यह मामला निबटा दिया गया। 

उन्होंने अपने फैसले में कहा, ‘‘एक बार जब बीसीसीआई कार्यक्षेत्र की शर्तों तथा कार्यकाल को स्पष्ट कर देता है तो वह इसका हिस्सा बनने के बारे में फैसला करेंगे। तेंदुलकर खुद को क्रिकेट सलाहकार समिति का हिस्सा नहीं मानते और इस रूप में काम नहीं करेंगे। इस कारण वर्तमान शिकायत कोई मायने नहीं रखती। इसलिए वर्तमान शिकायत को निराधार करार दिया जाता है और इस प्रकार उसका निबटान किया जाता है।’’ 

बीसीसीआई के लोकपाल की भूमिका भी निभा रहे जैन ने कहा कि तेंदुलकर ने अपने वकील अमित सिब्बल के जरिये बयान जारी किया जो कि मामला खारिज करने के लिये पर्याप्त है। 

इसका मतलब है कि अगर सीओए कार्यक्षेत्र की उचित शर्तों को उपलब्ध नहीं कराते तो फिर तेंदुलकर विश्व कप के बाद नये कोच की चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। 

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के सदस्य संजीव गुप्ता ने तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था क्योंकि वे सीएसी सदस्य होने के साथ आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों से भी जुड़े थे।
 

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