लाल और नीले रंग से रंगे सेट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में खेले जाने वाले पहले सेमीफाइनल में रात 11.30 बजे 1998 की वर्ल्ड चैंपियन फ्रांस का मुकाबला फुटबॉल की दुनिया में तेजी से उभरती ताकत बेल्जियम से होगा। इस मुकाबले को जीत जहां फ्रांस इतिहास दोहराने का मौका हासिल करना चाहेगी, वहीं बेल्जियम का जोर फाइनल में जगह बनाने पर रहेगा।
फीफा विश्वकप 2018 में 32 टीमों के बीच शुरू हुई खिताबी होड़ अपने निर्णायक चरण में पहुंच गई है। पहले सेमीफाइनल में युवा सितारों से सजी दोनों टीमें फाइनल में जगह बनाने के लिए पूरे दमखम के साथ उतरेंगी। फ्रांस-बेल्जियम के बीच इस मैच को ‘फाइनल’ की तरह देखा जा रहा है। इस रोमांचक मुकाबले से पहले पांच बातें जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
इस मुकाबले में इंग्लिश प्रीमियर लीग में खेलने वाले करीब 12 खिलाड़ी आमने-सामने होंगे। फ्रांस के कप्तान और गोलकीपर ह्यूगो लोरिस टोटेनहैम होट्सपर के लिए खेलते हैं। वहीं बेल्जियम के डिफेंडर जेन वरटोनगन और टोबी एल्डरविरेल्ड भी इसी क्लब से हैं। चेल्सी के लिए खेलने वाले फ्रांस के एन’गोलो केंटे और ओलिवियर गिराउड अपने क्लब के साथी एडेन हाजार्ड और थिबाउट कोर्टोइस के खिलाफ मैदान में होंगे। दोनों टीमों में मैनचेस्टर यूनाइटेड का भी प्रतिनिधित्व होगा। इसी क्लब के लिए खेलने वाले पॉल पोग्बा फ्रांस और मारोउने फेलाइनी और रोमेलू लुकाकू बेल्जियम का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बेल्जियम के लिए स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू जबरदस्त फॉर्म में हैं। वह अभी तक टूर्नामेंट में चार गोल कर चुके हैं। उन्हें गोल्डन बूट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि इस होड़ में इंग्लैंड के हैरी केन छह गोल के साथ सबसे आगे चल रहे हैं। फ्रांस के लिए चिंता की बात यह है कि ब्राजील के खिलाफ क्वॉर्टर मुकाबले में लुकाकू ने जिस तरह उनके डिफेंस को भेदा, वह शानदार था। हालांकि फ्रांस के लिए राहत यह है कि ओलिवियर गिराउड अभी तक नाकाम रहे हैं। चेल्सी के इस स्ट्राइकर ने बेल्जियम के लिए चार मैचों में शुरुआत की है, लेकिन वह गोल करने में नाकाम रहे हैं। 380 मिनट के कुल गेम टाइम में गिराउड ने सात शॉट्स लगाए, लेकिन स्कोर नहीं कर सके। नजरें गोलमशीन कहे जाने वाले काइलियान बाप्पे और एंटोनी ग्रीजमैन पर भी होंगी।
डिफेंसिव मिडफील्डर एन’गोलो केंटे फ्रांस के गुमनाम हीरो हैं। एक बार फिर उन पर अपनी जिम्मेदारी निभाने का दबाव होगा। उनसे बेल्जियम के स्टार केविन डि ब्रूने को रोकने को कहा जा सकता है। हालांकि यह आसान काम नहीं होगा। खासकर तब, जब वह ब्राजील के खिलाफ किया गया प्रदर्शन दोहराते हैं। ऐसे में अगर केंटे उन्हें रोकने में कामयाब हो जाते हैं, तो बेल्जियम की मुश्किल बढ़ सकती है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि फ्रांसीसी दल इस टूर्नामेंट की सबसे बेहतरीन टीम में से एक है। यह किसी भी विरोधी के लिए बड़ा खतरा है। अर्जेंटीना के खिलाफ अंतिम-16 दौर के मैच को छोड़ दिया जाए तो इस टीम ने अब तक वह खेल नहीं दिखाया है, जिसकी क्षमता उसमें है। बेल्जियम के खिलाफ ग्रीजमैन और बाप्पे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बस उन्हें वहां मौका मिलना चाहिए, जहां वह विरोधी टीम को नुकसान पहुंचा सकें।
सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या बेल्जियम इतिहास रच पाएगा। 1986 में चौथे नंबर पर रही इस टीम ने ब्राजील के खिलाफ जो शानदार और तेज तर्रार खेल दिखाया उसने फैंस की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। टीम के गोलकीपर कोर्टोइस अभी तक बेहतरीन रहे हैं। अगर बेल्जियम सेमीफाइनल में फ्रांस को हरा देती है तो वह बिना किसी डर के फाइनल में क्रोएशिया और इंग्लैंड में से किसी का भी मुकाबला कर सकती है।