कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बोले, पाकिस्तान को विश्वकप से हटाने की मांग सही

By Team MyNation  |  First Published Feb 21, 2019, 12:07 PM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच राउंड रोबिन चरण में 16 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड में मुकाबला होना है। पुलवामा हमले के बाद ये मांग तेज हो गई है कि पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेला जाना चाहिए।

केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि जो लोग आगामी विश्व कप क्रिकेट में पाकिस्तान के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं वह कुछ हद तक ‘औचित्यपूर्ण’ है क्योंकि पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच चीजें सामान्य नहीं हैं।

जम्मू कश्मीर में पिछले तीन दशक के सबसे घातक आतंकी हमले में जब से सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए तब से ही यह मांग उठ रही है कि भारत को 30 मई से इंग्लैंड में शुरू होने वाले विश्व कप में पाकिस्तान से नहीं खेलना चाहिए।

भारत और पाकिस्तान के बीच राउंड रोबिन चरण में 16 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड में मुकाबला होना है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पद भी संभालने वाले प्रसाद ने एक चैनल से कहा, ‘मैं यह कहने के अलावा क्रिकेट मामलों पर कोई अन्य टिप्पणी नहीं कर सकता कि जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं उनका कुछ औचित्य है। आप देख सकते हैं कि कई फिल्में और संगीत सम्मेलन रद्द हो गए हैं। चीजें सामान्य नहीं हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अगर चीजें सामान्य नहीं रहती हैं तो झप्पियां-पप्पियां का मामला रहेगा।’ प्रसाद हालांकि सीधे तौर पर मैच का बहिष्कार करने की अपील से बचते रहे और कहा कि बीसीसीआई और अंतरराष्ट्रीय क्रिेकेट परिषद का काम है कि वह स्थिति का आकलन करके उसके अनुसार फैसला करे।

उन्होंने कहा, ‘यह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है तथा आईसीसी और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) हमारी सुरक्षा इकाईयों के साथ बातचीत के बाद फैसला करेंगे।’

प्रसाद ने कहा, ‘लेकिन मैं उनकी चिंताओं को समझ सकता हूं। अब न कहने का समय आ गया है। इमरान खान ने मारे गये सैनिकों के लिये श्रद्धांजलि के दो शब्द तक नहीं कहे।’

उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के मंगलवार को दिए गए भाषण के संदर्भ में यह बात कही जिसमें उन्होंने हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का खंडन किया और भारत से सबूत देने के लिये कहा।

बीसीसीआई शुरू से कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिेकेट के मामले में वह सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करेगा। दूसरी तरफ आईसीसी ने कहा कि उसे नहीं लगता कि वर्तमान स्थिति के कारण विश्व कप का कार्यक्रम प्रभावित होगा।

पाकिस्तान से क्रिकेट संबंध तोड़ने के लिये जिन लोगों ने अपील की है उनमें सीनियर आफ स्पिनर हरभजन सिंह और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी शामिल हैं।

इन दोनों देशों के बीच 2012 के बाद से द्विपक्षीय क्रिकेट मैच नहीं खेले गये हैं लेकिन दोनों देश अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में नियमित तौर पर खेल रहे हैं। पिछले साल दोनों टीमें यूएई में एशिया कप में एक दूसरे से भिड़ी थी।

पुलवामा आतंकी हमले के कारण एक और असर यह पड़ा कि पाकिस्तान को निशानेबाजी विश्व कप से बाहर कर दिया गया है जो कि शनिवार से राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हो रहा है। पाकिस्तान निशानेबाजी महासंघ ने दावा किया कि उसके निशानेबाजों को भारत ने वीजा नहीं दिया।

यही नहीं देश भर के कई राज्य क्रिकेट संघों ने अपने परिसरों से पाकिस्तान क्रिकेटरों की तस्वीरें हटा दी हैं या उन्हें ढक दिया है। इसकी शुरुआत क्रिकेट क्लब आफ इंडिया ने की थी जिसने अपने रेस्टोरेंट में इमरान खान की तस्वीर ढक दी थी।

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