क्रिकेट के हर फॉर्मेट में नंबर 1 बने रहना हमारा लक्ष्य, माय नेशन से अजिंक्य रहाणे की ख़ास बातचीत

 |  First Published Jul 9, 2018, 6:01 PM IST

टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ों में से एक अजिंक्य रहाणे की टेस्ट टीम में वापसी तय है। रहाणे का मानना है कि नंबर वन रहने के लिए मैदान पर सिर्फ एक ही विकल्प जीत है।

किसी को उनमें राहुल द्रविड़ जैसा धैर्य नज़र आता है तो कोई उन्हे तेज़ी से रन बनाने वाले आला बल्लेबाज़ों के क्लब का मानता है। रहाणे अपने प्रदर्शन से इन बातों को साबित भी करते हैं। रहाणे का मानना है कि क्रिकेट के हर फॉर्मेट में नंबर 1 बने रहने के लिए टीम को लगातार जीत दर्ज़ करते रहना होगा। इंग्लिश दौरे पर टेस्ट मैचों के लिए उनका चुना जाना तय है। माय नेशन ने रहाणे से एक्सक्लूसिव बातचीत की है।

माय नेशन— साउथ अफ्रीकी दौरे की तरह इंग्लैंड का टूर भी भारतीय टीम के लिए बेहद अहम है। आप इसे कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं?

अजिंक्य रहाणे— ये काफी चुनौतीपूर्ण दौरा है। इंग्लैंड के हालातों में बल्लेबाज़ी मुश्किल होती है क्योंकि गेंदबाज़ी में स्पीड और बाउंस ज्यादा होता है। हम जानतें हैं कि विरोधी टीम मज़बूत है लेकिन इतनी भी नहीं कि उनके बारे में बहुत सोचना पड़े। हम इसे भी घरेलू सीरीज़ के जैसा ही मान रहे हैं। केवल इतना ही नहीं हमारे लिए हर दौरा भारत में खेलने जैसा ही होना चाहिए। पिछले दो सालों में हमने कई मज़बूत टीमों को हराया है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज़ और श्रीलंका शामिल हैं। ऐसे में हमारा विज़न बहुत साफ है और वो है जीत, सिर्फ जीत। हम इसे घरेलू श्रृंखला की तरह ही लेंगे तो हम पर बहुत दबाव नहीं रहेगा। इंग्लिश टीम को हल्के में नहीं लिया जा सकता लेकिन हमारे लिए फ़ायदेमंद ये है कि इस दौरे पर जो खिलाड़ी जाने वाले हैं वो 2014 में इंग्लैंड का दौरा कर चुके हैं। उन्हें वहां की परिस्थितियां की जानकारी है, बस बर्मिंघम में होने वाले पहले टेस्ट से ही मोमेंटम लेना होगा। उनके पास जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे अच्छे गेंदबाज़ हैं उनको हावी नहीं होने देना होगा। अगर आपको लंबे समय तक नंबर 1 बने रहना है तो विदेशी दौरे को मुश्किल तो समझना ही नहीं होगा। हमारे लिए सब कुछ घरेलू हालातों की तरह ही सामान्य होना चाहिए। ये सोचना ही बहुत कुछ आसान कर देता है।

माय नेशन— मुकाबले में आपको मज़बूत कौन दिख रहा है, इंडिया या इंग्लैंड, भारत के लिए क्या मुश्किल होने जा रहा है?

अजिंक्य रहाणे— क्रिकेट में आप भविष्यवाणी नहीं कर सकते। ज़ाहिर है इंग्लिश टीम अपनी ज़मीन पर खेल रही होगी तो इसका फायदा तो उन्हें होगा ही लेकिन जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया कि इससे हम किसी दबाव में नहीं हैं। कौन मज़बूत है, किस से खतरा है ये सोचने की बात नहीं है। हम तैयार हैं और हमारी निगाह सिर्फ जीत पर है।

माय नेशन— व्यक्तिगत तौर पर आप इस दौरे को कैसा ले रहे हैं, आपने खुद को कैसे तैयार किया है?

अजिंक्य रहाणे— आईपीएल खत्म होते ही मैं प्रविण आमरे के साथ प्रैक्टिस में जुट गया, वो मेरे खेल, मेरी शैली को अच्छी तरह समझते हैं। हम खेल की डिमांड के मुताबिक नेट्स में पसीना बहाते हैं। दरअसल विरोधी टीम से कैसा हमला हो सकता है इसका प्लान बनाकर हम नेट्स में प्रैक्टिस करते हैं। मेरे लिए विपक्षी को समझ कर उससे निपटने और उस पर काउंटर अटैक करने की ट्रेनिंग बहुत मायने रखती है। इसको विज़ुअलाइजेशन ट्रेनिंग कहते हैं जिसमें मैं वैसी गेंदों पर प्रैक्टिस करता हूं, जैसी गेंदबाज़ी विरोधी टीम की ओर से हो सकती है। दरअसल मैं विज़ुअलाइजेशन में विश्वास करता हूं और उसी के मुताबिक पहले से मेरी तैयारी होती है। इस तैयारी के साथ जब मैदान पर उतरता हूं तो चीजे आसान रहती हैं। मैं जब अकेले होता हूं तो अपनी बेहतरीन पारियों का वीडियो देखता हूं, इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है। मैं बहुत ज्यादा सोचता भी नहीं हूं उससे आप कन्फ़यूज़ होते हैं और ज्यादा सोच कर जाने से मैदान पर गलतियों की संभावना बढ़ जाती है।

माय नेशन— इंग्लैंड के पिछले दौरे पर आपने बढ़िया प्रदर्शन किया था। आपने 299 रन बनाए थे। क्या लगता है आपको इस बार अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर कर पाएंगे?

अजिंक्य रहाणे— बिल्कुल, इंग्लैंड के हालात मुझे रास आते हैं। वहां आपको गेंद की लाइन में आकर खेलना होता है। आप बॉडी को गेंद के जितना करीब रखेंगे आपको उतना ही फ़ायदा होगा। इंग्लैंड में हमलोग पांच टेस्ट मैच खेलेंगे। मैंने अपने लिए लक्ष्य निर्धारित किया है कि पिछले दौरे से ज्यादा रन इस बार बनाने हैं।

माय नेशन— कोई ख़ास प्लानिंग, ख़ास ट्रेनिंग इस दौरे के लिए ?

अजिंक्य रहाणे— ना कुछ ख़ास नहीं, पैक्टिस वही हो जो मैं करता आया हूं, बस आपको बाउंस और स्पीड के लिए तैयार रहना होगा। इस लिहाज़ से में ट्रेनिंग भी कर रहा हूं। मुंबई में बारिश की शुरुआत जल्दी हो जाती है ऐसे में मैंने बारिश से पहले ही काफी ग्राउंड प्रैक्टिस कर ली थी। इंदौर में मैं वेट रबर बॉल से नेट प्रैक्टिस में जुटा हूं जो काफ़ी बाउंस और गति के साथ आती है। ये मुझे इंग्लिश कंडिशन में मदद करेगा। टेस्ट मैचों में मैं पांचवे नंबर पर बल्लेबाज़ी करता हूं। यहां पर आपकी ज़िम्मेदारी सलामी बल्लेबाज़ की तरह ही होती है क्योंकि जब आप मैदान पर आते हैं तब तक आधी टीम वापस जा चुकी होती है। ऐसे में आपको निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ मिल कर एक अच्छो स्कोर खड़ा करना होता है।

माय नेशन— वनडे मैचों में ना चुने जाने पर दुख तो हुआ होगा। वनडे टीम में वापसी के लिए क्या प्लानिंग है ?

अजिंक्य रहाणे— देखिए ये तो खेल का हिस्सा है और हर खिलाड़ी को अपने करियर में इन हालातों का सामना करना पड़ता है, बस आपको सब कुछ सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। मुझे दुख हुआ जब इंग्लैंड के लिए वनडे टीम की घोषणा हुई और उसमें मेरा नाम नहीं था जबकि मैंने अफ्रीकी दौरे पर वनडे में रन बनाए थे। ख़ैर अब इस बारे में ज़्यादा नहीं सोच रहा। इस तरह के हालात आपको और मज़बूत ही बनाते हैं। मेरा ध्यान सिर्फ 2019 वर्ल्डकप पर है जो इंग्लैंड में ही खेला जाना है, मैं उस के लिए ख़ुद को तैयार कर रहा हूं।

माय नेशन— भारतीय टीम घरेलू सीरीज़ में तो गज़ब खेलती ही है, टीम नंबर 1 भी है। आपको क्या लगता है टीम इंग्लैंड से सीरीज़ जीत कर लौटेगी ?

अजिंक्य रहाणे— हम क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपना डंका बजाते रहना चाहते हैं, चाहे वो टी20 हो, वनडे हो या टेस्ट हो, हमें जीत चाहिए होती है। ठीक इसी तरह चाहे कोई मैदान हो, किसी भी देश का दौरा हो, मौसमी हालात चाहे जैसे हों, हम जीतने के लिए खेलते हैं और इसको आप पिछले 2 सालों से देख भी रहे हैं। अगर आप फिलहाल की टीम को ही देखें तो पाएंगे कि जूनियर प्लेयर कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल गज़ब का प्रदर्शन कर रहे हैं। हमनें इस दौरान फ़िटनेस पर भी बहुत काम किया है। भारतीय टीम के लिए अच्छे संकेत हैं। हर खिलाड़ी को अपनी ज़िम्मेदारी पता है और उसको बख़ूबी निभा भी रहे हैं। टीम मैनेजमेंट ने काम करने का अपना ढांचा विकसित किया है, उनको भी अपना टारगेट पता है। ऐसे में ये बहुत ज़रूरी है कि हम खुल कर खेलें।

माय नेशन— पिछले इंग्लैंड दौरे पर विराट कोहली का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, क्या ये इस बार बदल सकता है ?

अजिंक्य रहाणे— देखिए वो बॉर्न फ़ाइटर हैं। हम दोनों ने मुंबई में साथ में बहुत प्रैक्टिस की है इस दौरे से पहले। अब 2014 के उस इंग्लिश दौरे के बाद ही देख लीजिए देश के बाहर तमाम जीतों में वो बल्लेबाज़ी की रीढ़ रहे हैं। जहां तक मैं जानता हूं विराट ने इस दौरे के लिए ख़ुद को तैयार कर लिया है और सीरीज़ में आप कोहली का रियल पावर देखेंगे।

माय नेशन— पिछले 3-4 महीने आपके लिए मुश्किल रहे हैं। इससे बाहर निकलने का प्लान आपने कैसे बनाया है?

अजिंक्य रहाणे— ये मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। इस दौर से मैं पहले भी गुज़र चुका हूं जब मैं अंडर 19 और रणजी में खेला करता था। ऐसा वक्त आपको बहुत कुछ सिखाता है। बस ये थोड़े दिनों की परेशानी होती है और हर बड़े खिलाड़ी को कभी ना कभी इस दौर से गुज़रना पड़ता है। बात बस ये होती है कि आपमें संयम कितना है। मैं सफलता से ना तो इतराता हूं ना ही असफलता से घबराता हूं। आप दोनों ही हालातों में काफी कुछ सीखते हैं। मैं बुरे वक्त में भी हौसला नहीं हारता। हर किसी की तरह मैं भी बस अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा हूं

माय नेशन— लेकिन आप ऐसे बुरे हालातों से निपटते कैसे हैं, क्या ख़ास करते हैं इस दौरान ?

अजिंक्य रहाणे— कुछ ज़्यादा नहीं, हालातों का सामना करिए। आप हालातों से निकलते कैसे हैं, ये ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर आप संयम रखेंगे तो बुरे से बुरे दौर से बाहर निकल जाएंगे। हर दिन एक जैसा नहीं होता है। हालात हर खिलाड़ी के ऊपर-नीचे होते हैं। आप बुरे वक्त से बहुत कुछ सीखते हैं। मैं जानता हूं कि 2018-19 मेरा है। मेरा प्रदर्शन निश्चित ही बेहतर होगा बस एक बार टीम इंडिया के लिए मैदान पर उतरूं तो। मैंने अपने सीनियर खिलाड़ियों से भी बात की तो उनका कहना था कि ज्यादा मत सोचो और रन बनाने की भूख को मरने मत देना। व्यवहार में सरलता और विनम्रता बहुत ज़रूरी है। मैं भी अपने तरीके से आगे बढ़ रहा हूं और आख़िर में आपको अपनी ताकत तो पता ही है। आप ज़्यादा सोचेंगे तो आपको मानसिक थकान भी ज़्यादा होगी। वक्त परेशान होने का नहीं है बस एक बार टीम में लौटूं उसके बाद तो बल्लेबाज़ी का लुत्फ उठाना है।

माय नेशन— इस बुरे वक्त में टीम मैनेजमेंट की भूमिका अपने लिए कैसा देखते हैं

अजिंक्य रहाणे— उन लोगों ने मेरी बहुत मदद की। हर वक्त उन लोगों से सपोर्ट मिला है। जब मैं जल्दी आउट होता हूं तो कोच रवि शास्त्री मुझसे बात करते हैं। किसी को मेरी क्षमता पर शक नहीं है। यहां तक चयनकर्ताओं का मुझपर ज़बरदस्त भरोसा है, हर महत्वपूर्ण मौके पर मुझे उनका साथ मिलता है, उन लोगों ने ही मुझे टेस्ट टीम का उपकप्तान बरकरार रखा। मुश्किल वक्त को किसी को भी अपनी टीम और कोच के साथ की ज़रूरत होती है और इस मामले में मैं सौभाग्यशाली हूं।

माय नेशन— विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और आपकी तुलना करते हुए देखें तो भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम को इंग्लैंड के दौरे पर आप कैसा आंकते हैं ?

अजिंक्य रहाणे— हर किसी की बल्लेबाज़ी की अपनी ख़ासियत है। सब मैच में ज़रूरत के मुताबिक खेलते हैं। पुजारा की भूमिका लंबे समय तक विकेट पर बने रहने की है। वो पहले विकेट और बॉलिंग को समझते हैं फिर उसके मुताबिक अपने खेल को आगे बढ़ाते हैं। मेरे मामले में भी आप ये बात लागू कर सकते हैं। विराट का मामला अलग है। वो पहली बॉल से ही हमलावर होकर विपक्षी टीम पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं। हम जानते हैं कि गेंद सही तरीके से खेल कर विपक्षी टीम को दबाव में ला सकते हैं। ऐसे में प्रेशर में ना आकर विरोधी टीम पर ही दबाव क्यों ना बनाया जाय? हम आपस में बात करते हैं कि खेलना कैसे है और रणनीति क्या होगी? हम विकेट पर रुकना जानते हैं और एक बार विकेट पर रुक गए तो रन तो आने लगते हैं। इस तरह एक बढ़िया स्कोर सामने रख सकते हैं। एक बार आपने बढ़िया स्कोर बना लिया तो गेंदबाज़ों का काम आसान हो जाता है।

माय नेशन— गेंदबाज़ भी क्या इसी योजना पर काम करते हैं ?

अजिंक्य रहाणे— बिल्कुल। अगर आपको टेस्ट मैच जीतना है तो आपको 20 विकेट लेने होंगे। आप 280, 300 या 400 रन बना देते हैं और आपके बॉलर विकेट ही ना लें तो फिर बात नहीं बनेगी। इस मामले में हम लकी हैं कि हमारे गेंदबाज़ों के बीच अच्छा तालमेल है। गेंदबाज़ जानते हैं कि 20 विकेट कैसे निकालने हैं और उन्होनें साउथ अफ्रीकी दौरे पर ऐसा किया भी। हमारी गेंदबाज़ी शानदार है और उनमें विविधता भी है, ख़ास कर तेज़ गेंदबाजों में। वो आपस में एक–दूसरे को मोटीवेट कर विपक्षी टीम पर धावा बोलते हैं। मोहम्मद शामी और भुवनेश्वर कुमार स्विंग के साथ अपना जौहर दिखाते हैं तो उमेश यादव और इशांत शर्मा अपनी स्पीड से चौंका देते हैं। अब तो जसप्रीत बुमराह भी टेस्ट टीम के हिस्सा होते हैं। वो टीम के लिए ‘एक्स फैक्टर’ की तरह हैं और अन्य गेंदबाज़ों से अलग हैं। बल्लेबाजों और गेंदबाजों में जो संवाद और तालमेल चाहिए वो हमारी टीम में है।

माय नेशन— फ़िल्डिंग को कसने के लिए नया पैमाना ‘यो-यो’ टेस्ट का गढ़ा गया है। इस पर आपका क्या सोचना है?

अजिंक्य रहाणे— जी हां बल्लेबाज़ी और गेंदबाजी की तरह क्षेत्ररक्षण भी मैच जीतने के बेहद ज़रूरी है। हर प्लेयर में काबिलियत है, हर प्लेयर यो-यो टेस्ट के पैमाने पर खरा उतरना चाहता है ताकि वो फ़िल्डिंग में एक कदम आगे ही रहे। हर खिलाड़ी अपनी फ़िटनेस पर मेहनत करता है। अगर फ़िट हैं तो आपकी एकाग्रता का स्तर ही कुछ और होता है। खिलाड़ियों को बकायदा फ़िटनेस शिड्यूल उनके ट्रेनर की तरफ से मिलता है और वो उसका पालन भी करते हैं। अगर आप 2019 का विश्वकप जीतना चाहते हैं तो फ़िटनेस और एनर्जी लेवल को तो बना कर रखना ही होगा।

माय नेशन— एक खिलाड़ी के तौर पर क्या आप ये बात मानते हैं कि ये टीम पिछली टीमों से ज्यादा अनुशासित है

अजिंक्य रहाणे— हां आप ये बात कह सकते हैं। ये अनुशासित और संतुलित टीम है। इसका श्रेय कोच रवि शास्त्री और सपोर्ट स्टाफ को जाता है। रवि भाई के साथ विराट और माही भाई भी खिलाड़ियों को हर तरह से मदद करते हैं। हमनें टीम में नया कल्चर विकसित किया है और हर खिलाड़ी इसको बरकरार रखना चाहता है। ये ज़रूरी भी है जब क्रिकेट हर फॉर्मेट में नंबर 1 बनने के मिशन पर हों।

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