पेरिस ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा का ऐतिहासिक सम्मान, पहली बार भारतीय ने निभाई रेड बैटन रस्‍म

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Jul 30, 2024, 11:51 AM ISTUpdated : Jul 30, 2024, 03:30 PM IST
पेरिस ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा का ऐतिहासिक सम्मान, पहली बार भारतीय ने निभाई रेड बैटन रस्‍म

सार

पेरिस ओलंपिक 2024 में अभिनव बिंद्रा ने इतिहास रचते हुए पहली बार किसी भारतीय के रूप में रेड बैटन रश्म अदा की। जानें इस अनूठी परंपरा और इसके पीछे की प्रेरणा के बारे में।

नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक शूटिंग फ़ाइनल से पहले किसी भारतीय को पहली बार बैटन रश्म को अदा करने के लिए मौका दिया गया और इस मौके पर पहले भारतीय होने का गौरव अभनिव बिंद्रा को मिला। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफ़ल फ़ाइनल में शुरुआत से कुछ पल पहले एक भारतीय एथलीट का जाना-पहचाना चेहरा देखा गया। कोई और नहीं बल्कि अभिनव बिंद्रा भारत के पहले ऐसे एथलीट जिन्होंने पर्सनल ओलंपिक गोल्ड पदक जीता - मौजूद थे। उनके हाथ में लाल बैटन थी, जिसे उन्होंने तीन बार फ़र्श पर टैप किया। उसके बाद ही फ़ाइनल शुरू हुआ और निशानेबाज़ों ने गोल्ड पदक की तलाश शुरू की। हालांकि, पेरिस 2024 में यह घटना एक अनूठी विशेषता है और पहली बार किसी भारतीय को ऐसा करने के लिए कहा गया।

क्या है तीन बार लाल बैटन टैप?
किसी व्यक्ति - चाहे वह वर्तमान या पूर्व एथलीट हो, कोई सार्वजनिक व्यक्ति हो या समर्थक को पेरिस ओलंपिक के दौरान किसी इवेंट की शुरुआत करने के लिए तीन बार लाल बैटन टैप करने के लिए कहा जाता है। यह एक नई परंपरा है, जिसे पेरिस ओलंपिक की कार्यवाही में जोड़ा गया है। सोमवार, 29 जुलाई को पूर्व भारतीय निशानेबाज़ बिंद्रा को सम्मान देने के लिए आमंत्रित किया गया।

रेड बैटन को क्यो कहा जाता है ब्रिगेडियर?
इस रस्म को रेड बैटन या 'ब्रिगेडियर' के नाम से जाना जाता है। इस परंपरा के पीछे प्रेरणा फ्रांसीसी रंगमंच से आती है, जहां किसी भी प्रदर्शन की शुरुआत से पहले अनुष्ठान किया जाता था। ओलंपिक डॉट कॉम के अनुसार, यह परंपरा 17वीं शताब्दी के दौरान फ्रांस में शुरू हुई थी। उस अवधि के दौरान अनुष्ठान के पीछे का महत्व दर्शकों को यह संकेत देना था कि प्रदर्शन शुरू होने वाला है, और इसलिए, मौन रहना चाहिए।हालांकि, अब ऐसा लगता है कि इसे एक मानद परंपरा (honorary tradition) के रूप में चलाया जाता है।

फाइनल में भारतीय खिलाड़ी रमिता रहीं सातवें स्थान पर
कई लोगों का मानना ​​है कि लाल डंडे के थ्री डैब्स परफार्मेंशन आर्ट में आवश्यक तत्वों को दर्शाते हैं, जिसमें एक्टर, आडियंस और स्टोरी शामिल हैं। एक अन्य सिद्धांत बताता है कि पवित्र त्रिमूर्ति - पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा - अनुष्ठान में दर्शाए जाते हैं। एक तीसरी मान्यता कहती है कि मंच पर एक्टर की प्रमुख स्थिति - दर्शकों का सामना करना, मंच के बाईं ओर और मंच के दाईं ओर - अनुष्ठान (Ritual) के साथ मनाई जाती है। यह अनुष्ठान (Ritual)  फाइनल में रमिता के लिए किस्मत लाने में विफल रहा, क्योंकि वह सातवें स्थान पर बाहर हो गई।

 


ये भी पढ़ें...
देश में एक साल में हुए 5 बड़े ट्रेन एक्सीडेंट, 330 मौतें, 1500 से ज्यादा घायल, चेक 5 रीजन

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

चौंका देगी ये रिपोर्टः किस राज्य के लोग कमाते हैं सबसे ज़्यादा, लिस्ट में सबसे नीचे है बिहार?
फ्रिज में रखी ये चीजें घर में लाती हैं तबाही, क्या आप जानते हैं ये वास्तु नियम?