बोर्नविटा ने अपना हेल्थ ड्रिंक का टैग क्यों खो दिया? पढ़ें इसके पीछे के विवाद का इंटरेस्टिंग पहलू

By Surya Prakash TripathiFirst Published Apr 15, 2024, 5:11 PM IST
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Bournvita Controversy: बोर्नविटा काे हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से बाहर करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या इस पेय पदार्थ का बच्चों के प्रभाव पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता है। आखिर सरकार को ऐसा निर्णय क्यो लेना पड़ा। जानिए इस पूरी लड़ाई की कहानी। 

Bournvita Controversy: बोर्नविटा काे हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से बाहर करने के भारत सरकार के निर्णय के बाद से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या इस पेय पदार्थ का बच्चों के प्रभाव पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ता है। आखिर सरकार को ऐसा निर्णय क्यो लेना पड़ा। जानिए इस पूरी लड़ाई की कहानी। 

केंद्र सरकार ने बाॅर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से हटाने काे कहा
केंद्र सरकार ने 2 दिन पहले सभी ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को लोकप्रिय बॉर्नविटा सहित विभिन्न पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक/एनर्जी ड्रिंक की श्रेणी से हटाने का निर्देश दिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी की गई सलाह हेल्थ ड्रिंक शब्द के खुलेआम उपयोग पर केंद्रित है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की जांच का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि FSS अधिनियम 2006, FSSI और मोंडेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत नियमों और विनियमों के तहत कोई हेल्थ ड्रिंक के रूप में डिफाइन नहीं है।

बाॅर्नविटा के सेवन से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होने का था दावा
मोंडेलेज़-स्वामित्व वाली कैडबरी ने हमेशा दावा किया है कि यह इम्युनिटी पॉवर को मजबूत करने के लिए विटामिन A,C,D, आयरन, कॉपर और सेलेनियम जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर है। कैडबरी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि हमने कई वर्षों से (कोविड-19 महामारी से पहले भी) अपने पैक के पीछे इम्युनिटी सिस्टम काे स्वस्थ्य रखने का दावा किया है। 

क्या है बोर्नविटा विवाद? (Bournvita controversy)
अप्रैल 2023 में NCPCR ने बोर्नविटा को सभी भ्रामक विज्ञापन, पैकेजिंग और लेबल हटाने का निर्देश दिया था। जिसके तुरंत बाद सोशल मीडिया यूजर रेवंत हिमतसिंग्का उर्फ ​​फूडफार्मर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बोर्नविटा में अधिक चीनी होने का दावा किया गया था। हिमतसिंग्का ने कैडबरी पर बोर्नविटा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में झूठे दावे करने और इसके पोषण मूल्य को गलत तरीके से बताने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि बोर्नाविटा में प्रति 100 ग्राम में 50 ग्राम चीनी होती है। 8 महीने बाद दिसंबर 203 में कंपनी के ऑनर मोंडेलेज ने बोर्नविटा में चीनी की मात्रा 14.4% कम कर दी थी।  

Bournvita की शिकायत करने वाले ने बताई बड़ी जीत
जिसके बाद हिमतसिंग्का ने कहा था कि यह एक बड़ी जीत है। मुझे पता है कि 15% (कमी) ज्यादा नहीं है, लेकिन एक बहुराष्ट्रीय निगम के लिए ऐसा करना काफी चौंका देने वाला है। मुझे उम्मीद है कि इसके बाद जो सामूहिक रूप से रिएक्शन होगा। अन्य कंपनियां भी इसका अनुसरण करेंगी। अब लाखों माता-पिता अब पहली बार लेबल पढ़ रहे हैं। लोग सचेत हुए हैं, जो यह एक बड़ी जीत है।


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