कर्मचारियों को पैसे के बजाए नया टाइटल देने का चलन बढ़ा है। 13 फीसदी से अधिक नियोक्ताओं ने 'ड्राई प्रमोशन' का ट्रेंड अपनाया है। साल 2018 में ऐसे नियोक्ताओं की संख्या सिर्फ 8 प्रतिशत थी। कम्पनियां साल 2023 की अपेक्षा 2024 में कर्मचारियों को कम वेतन दे रही हैं।
नयी दिल्ली। दुनिया भर की नौकरियों में कोरोना महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम कंसेप्ट चलन में आया। कुछ कंपनियां शेयर्ड वर्क स्पेस कर्मचारियों को उपलब्ध करा रही हैं। अब 'ड्राई प्रमोशन' का नया ट्रेंड डेवलप हो रहा है। मतलब कर्मचारियों की रिस्पांसिबिलिटी बढ़ती जाती है। पर उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी नहीं होती। दूसरी तरह से समझा जाए तो समय के साथ कर्मचारियों का पदनाम हॉयर रैंक का मिलता है। पर उसके मुताबिक सैलरी की धनराशि नहीं बढ़ती। इसको लेकर दुनिया भर के कर्मचारियों में चिंता है।
'ड्राई प्रमोशन' का ट्रेंड क्यों अपना रहीं कम्पनियां?
हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को पैसे के बजाए नया टाइटल देने का चलन बढ़ा है। 13 फीसदी से अधिक नियोक्ताओं ने 'ड्राई प्रमोशन' का ट्रेंड अपनाया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट बताती है कि साल 2018 में ऐसे नियोक्ताओं की संख्या सिर्फ 8 प्रतिशत थी। एक सर्वे में यह भी सामने आया है कि कम्पनियां साल 2023 की अपेक्षा 2024 में कर्मचारियों को कम वेतन दे रही हैं। इस सर्वे में 900 कम्पनियों को शामिल किया गया था।
मुनाफा बढ़ाने की होड़ में वर्कर्स की सैलरी में कटौती
'ड्राई प्रमोशन' के नये ट्रेंड से कर्मचारियों में खुशी नहीं है। यह ट्रेंड लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह भी साफ है। वैश्विक बाजार में कम्पनियां अपना मुनाफा बढ़ाने पर जोर दे रही हैं और इसी वजह से लगातार अपनी लागत में कटौती कर रही हैं। यह नया ट्रेंड कर्मचारियों को आर्थिक अनिश्चितता की तरफ ले जा रहा है। पहले के समय में कम्पनियां श्रम की कमी से जूझती थी। इसी के चलते कर्मचारियों की सैलरी बढ़ानी पड़ती थी।
सोशल मीडिया पर कर्मचारियों ने शेयर किए ये अनुभव
सोशल मीडिया पर भी कुछ कर्मचारियों ने नौकरी के नये ट्रेंड को लेकर अपने अनुभव शेयर किए हैं। Reddit पर एक यूजर ने लिखा कि मैनेजर से उन्हें जानकारी मिली कि वह अपने जूनियर से ज्यादा काम करते हैं। इस वजह से उन्हें टाइटल की प्रमोशन मिली है। पर वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। वह जस का तस ही रहेगा। एक अन्य यूजर ने लिखा है कि कम्पनियां ऐसा इसलिए करती हैं। ताकि वह बिना खर्चा बढ़ाए अपनी जरूरतों को पूरी कर सकें। एक अन्य यूजर कहते हैं कि यदि आप नई नौकरी खोजने में समक्ष नहीं हैं तो आप अपने नियोक्ता से सुगम काम का समय या अन्य लाभ में बढ़ोत्तरी की डिमांड कर सकते हैं।