सेविंग अकाउंट में इससे ज्यादा कैश जमा करने पर लगेगा 60% टैक्स! जाने क्या है IT डिपार्टमेंट की नई गाइडलाइन

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Aug 11, 2024, 10:36 AM IST

Saving Account Cash Deposit Limit: जानें भारतीय बैंक सेविंग अकाउंट में कैश डिपॉजिट की सीमा और इससे जुड़े नियम। 50,000 रुपये से अधिक नकद जमा पर पैन नंबर की जरूरत, 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा पर आयकर विभाग की निगरानी।

Saving Account Cash Deposit Limit: बैंक में सेविंग अकाउंट हर व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है, खासकर सरकारी योजनाओं और डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए। भारत में बैंक अकाउंट खोलने की कोई सीमा नहीं है, जिसके कारण कई लोगों के पास दो या उससे अधिक बैंक अकाउंट होते हैं। सेविंग अकाउंट में पैसा सुरक्षित रहता है और बैंक समय-समय पर इस जमा रकम पर ब्याज भी देता है। हालांकि, जीरो बैलेंस अकाउंट को छोड़कर, अन्य अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस रखना आवश्यक होता है, वरना बैंक पेनाल्टी वसूल सकता है। लेकिन सेविंग अकाउंट में अधिकतम कितनी राशि रखी जा सकती है, इस पर कोई स्पष्ट नियम नहीं है। आइए जानें इस पर विस्तार से:

सेविंग एकाउंट में कितना रख सकते हैं पैसा?
आप अपने सेविंग अकाउंट में कोई भी राशि रख सकते हैं। इसके लिए कोई सीमा नहीं है। हालांकि, यदि आपका एकाउंट इनकम टैक्स के दायरे में आता है और जमा राशि अधिक होती है, तो आपको उस इनकम का सोर्श बताना होगा। बैंक शाखा में कैश जमा और विड्राल के लिए लिमिट निर्धारित की गई है। चेक या ऑनलाइन माध्यम से आप 1 रुपये से लेकर लाखों, करोड़ों रुपये तक की राशि जमा कर सकते हैं।

कैस डिपॉजिट के क्या है रूल? 
अगर आप बैंक में 50,000 रुपये या इससे अधिक कैस जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन नंबर देना होगा। एक दिन में आप 1 लाख रुपये तक नकद जमा कर सकते हैं। यदि आप नियमित रूप से नकद जमा नहीं करते हैं, तो यह सीमा 2.50 लाख रुपये तक हो सकती है। एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 10 लाख रुपये नकद जमा कर सकता है। अगर इस सीमा से अधिक राशि जमा की जाती है, तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है।

सोर्श ऑफ इनकम न बता पाने की स्थिति में कितनी लगेगी पेनॉल्टी?
व्यक्ति को इनकम का सोर्श बताना पड़ता है। अगर यह जानकारी संतोषजनक नहीं होती है, तो व्यक्ति इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की निगरानी में आ सकता है और उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर सोर्श ऑफ इनकम के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है, तो जमा की गई राशि पर 60 प्रतिशत टैक्स, 25 प्रतिशत सरचार्ज और 4 प्रतिशत सेस लगाया जा सकता है।

इनकम का सोर्श पता होने पर क्या होगी स्थिति?
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप 10 लाख रुपये से अधिक नकद लेनदेन नहीं कर सकते। यदि आपके पास इनकम का सबूत है, तो आप बिना किसी चिंता के नकद जमा कर सकते हैं। लेकिन फाईनेंसियल बेनीफिट के दृष्टिकोण से इतनी राशि को FD में बदलना या अन्य निवेश विकल्पों पर विचार करना बेहतर हो सकता है, जहां आपको बेहतर रिटर्न मिल सके।

 


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