Health Insurance New Rule: इंश्योरेंस कंपनियां नहीं कर पाएंगी मनमानी, 2-3 घंटे में करना होगा क्लेम सेटलमेंट

By Anshika TiwariFirst Published May 30, 2024, 5:57 PM IST
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Health insurance regulations: अगर आप भी हेल्थ इश्योरेंस रखते हैं और कैशलेस इलाज करवाते हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, बीमा निमायक इरडा (IRDAI) ने बीमा से जुड़े नियमों पर नया सेक्यूलर जारी किया जो बीमाधारकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। 

Health Insurance Rules Changes: देश में लगातार हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर सतर्कता बढ़ रही है। ज्यादातर लोग कोरोना काल के बाद परिवार के हेल्थ बीमा कर रहे हैं। वहीं इसी देखते हुए बीमा निमायक इरडा (IRDAI) भी बड़े कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में IRDAI ने बड़ा ऐलान किया है। ये हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालो को मजबूत और हेल्थ बीमा कंपनियों की मनमानी की रोकने की दिशा में बड़ा कदम है। दरअसल, इरडा की ओर से 1 टू 3 हार्स का नया नियम लाया है। जो भी Cashless Insurance लेते हैं। उनके लिए ये बेहद अहम है। तो चलिए जातने हैं कि ये कैसे और कब काम करेगा।

1)  ट्रीटमेंट के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार

कई बार ऐसा होता है कि अचानक से कोई घटना हो जाती है और शख्स को तुरंत इलाज की जरुरत होती है। घरवालों को इलाज के लिए अस्पताल पैसे जमा करने के लिए कहता है। तब वह कैश के लिए परेशान होते हैं लेकिन अब IRDAI के नए नियम के मुताबिक, हेल्थ बीमाधारकों का इलाज समय पर शुरू होगा। इरडा ने इन्श्योरेंस कंपनियों को आदेश दिया है कि उन्हें कैशलेस इलाज के लिए किसी भी हालत में 1 घंटे में बीमाधार को अप्रूवल देना होगा ताकि जल्द से जल्द उनका इलाज शुरू हो सके।

2) 2-3 घंटे में हो जाएगा क्लेम सेटल

हमेशा से देखा गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस होने के बाद भी लोगों को क्लेम सेटलमेंट करने में काफी वक्त लग जाता है पर अब बीमाधारकों को इस परेशानी से भी मुक्ति मिल गई है। दरअसल IRDAI के नए नियम के अनुसार, जैसे ही पेशेंट को डिसचार्ज रिक्वेंस मिलेगा,उसके 3 घंटे बाद ही इश्योरेंस कंपनियों को अप्रूवल देना होगा। 

3) बीमाधारक पास होंगी हेल्थ इंश्योरेंस की हर डिटेल

वहीं नए नियम के अनुसार बीमा कंपनी बीमाधारों को पॉलिसी बेचते वक्त कोई भी बात नहीं छुपाएंगी। उन्हें बीमा से जुड़ी हर बात इश्योरेंस लेने वाले शख्स को बतानी होगी। IRDAI के अनुसार, अब कंपनियों को बीमाधारकों को कस्टमर इंफॉर्मेश की शीट देनी होगी। जिसमें बिल्कुल आसान भाषा में पॉलिसी से जुड़ी बातों का जिक्र किया गया होगा। 

4) बीमा कंपनियों को देना होगा जल्द से जल्द अप्रूवल

इतना ही नहीं अगर कोई बीमाधारक हॉस्पिटिल में एडमिट होता है,तो कैशलेस इलाज की तहत कंपनियों को बीमाधारक की रिक्वेंस्ट पर जल्द से जल्द एक घंटे के अंदर अप्रूवल या फिर डिसअप्रूवल देना होगा,क्योंकि पहले बीमाधारक के एडमिट पर होने पर उसे अस्पताल से एक रिक्वेस्ट जनरेट कराकर बीमा कंपनी को भेजा जाता है। जिसमें कई घंटो या फिर दिन लग जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

5) कागजी कार्रवाई से भी मिली निजात

इतना ही नहीं IRDAI के नए नियमोंके अनुसार, अब बीमाधारकों को कई तरह की कागजी कार्रवाई के झंझट में भी नहीं पड़ना पड़ेगा। बीमा कंपनियों को साफ निर्देश दिया गया कि है कि बीमाधारकों के ऑनबॉर्जड से रीन्युअल की सभी जानकारी एंड टू एंड टेक्निकल होनी चाहिए। वहीं क्लेम सेटलमेंट के लिए भी धारकों को कोई डॉक्यूमेंट नहीं देना होगा ये काम अब बीमा कंपनियों का होगा। 

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