IRCTC: अगर आपकी फेमिली में सीनियर सिटिजन हैं या आप खुद इस कैटेगरी में आते हैं और अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें क्योकि ये आपके लिए बहुत काम का साबित होने वाला है।
IRCTC: अगर आपकी फेमिली में सीनियर सिटिजन हैं या आप खुद इस कैटेगरी में आते हैं और अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें क्योकि ये आपके लिए बहुत काम का साबित होने वाला है। जी हां, कोविड 19 महामारी के दौरान रेलवे द्वारा बंद की गई किराए में रियायत को गर्वनमेंट फिर से शुरू करने की तैयारी में है। अगर ऐसा होता है, तो करोड़ों सीनियर सिटिजल्स को इसका फायदा मिलेगा।
सीनियर सिटिजंस को दोबारा रियायत देने पर विचार कर रही सरकार
मोदी 3.0 गर्वनमेंट की ओर से सीनियर सिटिजन को ट्रेन किराए में दी जाने वाली रियायत 4 साल बाद बहाल कर सकती है। DB में छपी खबर के मुताबिक मोदी 3.0 सरकार सीनियर सिटिजंस को रेल किराए में रियायत को 4 साल बाद बहाल कर सकती है। इस न्यूज में दावा किया गया है कि इस रियायत को AC कोच की जगह सिर्फ स्लीपर क्लास के लिए बहाल करने पर चर्चा चल रही है। सरकार रेलवे पर कम से कम फाईनेंसियल बर्डन डालने की कोशिश कर रही है। ऐसे में सिर्फ उन्हीं सीनियर सिटिजंस को किराए में रियायत दी जाएगी, जो स्लीपर क्लास में यात्रा करते हैं।
रिजर्वेशन फॉर्म में भरना होगा रियायत का कॉलम
इसके अलावा खबर में यह भी बताया गया कि रेलवे किराए में रियायत सिर्फ उन्हीं सीनियर सिटिजंस को दी जाएगी, जो इसे लेना चाहेंगे। यानि पहले की तरह उम्र दर्ज करने पर रेलवे की इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। अब सीनियर सिटिजंस को टिकट बुक करते समय रिजर्वेशन फॉर्म में रियायत का कॉलम भरना होगा। सूत्रों के अनुसार अब हर यात्री को साल में दो या तीन बार ही इस तरह की छूट देने पर विचार किया जा रहा है। कोविड 19 से पहले के नियमों के मुताबिक सीनियर सिटिजंस को जनरल, AC और स्लीपर कोच में यात्रा करने पर 50 फीसदी तक की छूट दी जाती थी।
किराए में दी जाती थी 40 फीसदी छूट
कोविड19 से पहले रेलवे 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों को बेसिक किराए में 40 फीसदी की छूट देती थी। इसके अलावा 58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को किराए में 50% की छूट दी जाती थी। कोरोना महामारी के दौरान मार्च 2020 में यह छूट बंद कर दी गई थी। रेलवे द्वारा किराए में दी जाने वाली छूट का मामला संसद में भी उठा था। इस पर रेलवे का कहना है कि यात्री किराए में पहले से ही 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। बताया गया कि एक यात्री पर औसत खर्च 110 रुपये है, जबकि इसकी तुलना में सिर्फ 45 रुपये लिए जाते हैं।
रेल यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी
हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद सीनियर सिटिजन की ट्रेन यात्रा में बढ़ोत्तरी हुई है। निचले सदन में एक क्वेश्चन के लिखित आंसर पर जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने बताया था कि 20 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच 1.87 करोड़ सीनियर सिटिजंस ने ट्रेन से यात्रा की। वहीं 1 अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 के बीच 4.74 करोड़ सीनियर सिटिजंस ने ट्रेन से यात्रा की। उस समय उन्होंने सीनियर सिटिजंस को दी जाने वाली रियायत को बहाल करने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन अब सरकार इसे फिर से लागू करने पर विचार कर रही है।
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