ITR फाइलिंग 2024: इनकम टैक्स डिडेक्शन में 40,000 का लेना चाहते हैं बेनीफिट- तो टैक्सपेयर इस तरह से करें क्लेम

Surya Prakash Tripathi |  
Published : Jun 10, 2024, 05:11 PM IST
ITR फाइलिंग 2024: इनकम टैक्स डिडेक्शन में 40,000 का लेना चाहते हैं बेनीफिट- तो टैक्सपेयर इस तरह से करें क्लेम

सार

ITR Filing 2024: 31 जुलाई 2024 को फाईनेंसियल ईयर 2024 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट होने के कारण, वेतनभोगी व्यक्ति और टैक्स पेयर डिडेक्शन के लिए क्लेम करने और अपने टैक्स इक्सपेंस को कम करने के तरीकों की तलाश में व्यस्त हैं।

ITR Filing 2024: 31 जुलाई 2024 को फाईनेंसियल ईयर 2024 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट होने के कारण, वेतनभोगी व्यक्ति और टैक्स पेयर डिडेक्शन के लिए क्लेम करने और अपने टैक्स इक्सपेंस को कम करने के तरीकों की तलाश में व्यस्त हैं। धारा 80C के तहत आमतौर पर ज्ञात 1.5 लाख रुपये की लिमिट के अलावा, ऐसे कई अन्य तरीके हैं, जिनका उपयोग करके लोग एडिशनल टैक्स बेनीफिट का क्लेम कर सकते हैं।

इनकम टैक्स रूल में हैं पैसे सेव करने के कई तरीके
इनकम टैक्स रूल में कई धाराएं और प्रावधान हैं जो टैक्स पेयर को अपना पैसा सेव करने में मदद कर सकते हैं। धारा 80DDB के तहत एक ऐसा प्रोविजन है, जिसका उपयोग करके इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्ति स्वयं या आश्रित के किसी भी मेडिकल  ट्रीटमेंट के लिए पेमेंट किए गए पैसे पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

40,000 रुपये का इनकम टैक्स डिडक्शन क्लेम कैसे करें?
टैक्सपेयर धारा 80DDB के तहत एक फाईनेंसियल ईयर में 40,000 रुपये की इनकम टैक्स डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं, यदि वे किसी आश्रित व्यक्ति के मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए पेमेंट करते हैं, जो न्यूरोलॉजिकल रोग, घातक कैंसर, क्रोनिक रीनल फेलियर, डिमेंशिया, मोटर न्यूरॉन रोग, पार्किंसंस रोग, एड्स, अन्य बीमारियों से ग्रसित है। 

कौन कर सकता है क्लेम?
यह विशेष टैक्स बेनीफिट केवल भारतीय नागरिकों को दिया जाता है और इसका दावा कोई व्यक्ति या HUF तब कर सकता है, जब वो किसी आश्रित व्यक्ति - पति/पत्नी, बच्चों, माता-पिता और भाई-बहनों के ट्रीटमेंट पर पैसा खर्च किया हो। डिडक्शन लिमिट 40,000 रुपये है, लेकिन सीनियर सिटिजन के मामले में यह 1 लाख रुपये है। 

बीमा पॉलिसी कवरप पर क्या लागू होता है ये रूल?
यह इनकम टैक्स डिडक्शन तब भी लागू होता है, जब व्यक्ति किसी अन्य हेल्थ बीमा पॉलिसी द्वारा कवर किया होता है, टैक्सपेयर को यह जानना चाहिए कि डिडक्शन के अमाउंट बीमाकर्ता से प्राप्त अमाउंट या व्यक्ति के मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए एंप्लायर द्वारा प्रतिपूर्ति  किए गए अमाउंट से कम हो जाएगी।

इंश्योरेंस होल्डर को कितना मिलेगा बेनीफिट?
उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति ने किसी गंभीर बीमारी के संबंध में 80,000 रुपये का पेमेंट किया है, जिसके लिए उसे बीमा कंपनी से 30,000 रुपये का अमाउंट मिला है, तो वे इस धारा के तहत केवल 10,000 रुपये का क्लेम कर सकते हैं, क्योंकि एक फाईनेंसियल ईयर में छूट की लिमिट 40,000 रुपये ही है।



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