ITR फाइल करने के बाद वेरीफिकेशन भी जरूरी है। आधार-OTP, नेट बैंकिंग, प्री-वेरीफाईड बैंक या डीमैट एकाउंट, ATM और डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से कैसे करें ITR वेरीफिकेशन? जानिए स्टेप बाय स्टेप गाइड।
ITR Verification Process: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की टाइम लिमिट करीब आ रही है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ITR फाइल करने के बाद एक और स्टेप महत्वपूर्ण होता है यानी ITR का वेरीफिकेशन कराना? अब सवाल यह उठता है कि ITR का वेरीफिकेशन होता कैसे हैं, तो आईए इसके बारे में जानते हैं।
अपना ITR वेरीफिकेशन कैसे करें?
अपने ITR को वेरीफाईड करने का सबसे सुविधाजनक तरीका आधार-OTP, नेट बैंकिंग, प्री-वेरीफाईड बैंक या डीमैट एकाउंट का उपयोग करके ई-वेरीफिकेशन है। यदि आप ऑनलाइन वेरीफिकेशन नहीं करना चाहते हैं, तो आप ITR-V की एक फिजिकल कॉपी बेंगलुरु में सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) को भेज सकते हैं, हालांकि इस मैथड में ज्यादा टाइम लगता है।
जनरल E- वेरीफिकेशन के क्या है मैथड?
1. Aadhaar-OTP: आधार से जुड़े अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त करें।
2. प्री-वेरीफाईड बैंक या डीमैट एकाउंट: इन एकाउंट से EVC जनरेट फार्म का यूज करके भी वेरीफाई किया जा सकता है।
3. ATM के माध्यम से EVC: ये ITR वेरीफाईड करने का एक ऑफ़लाइन तरीका है।
4. Net Banking: अपने बैंक की ऑनलाइन सर्विसेज के माध्यम से वेरीफिकेशन कर सकते हैं।
5. Finger Signature: वेरीफिकेशन के लिए अपने डिजिटल सिग्नेचर का यूज कर सकते हैं।
वेरीफिकेशन की कंफर्म कैसे करें?
एक बार जब आप अपना रिटर्न ई-वेरीफाई कर लेते हैं, तो आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ट्रांजेक्शन ID के साथ एक मैसेज प्राप्त होगा। इसके अलावा, आपको इनक टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर एक कंफर्मेशन ईमेल मिलेगा।
वेरीफिकेशन की टाइम लिमिट चूक जाने के क्या हैं रिजल्ट?
यदि आप 30 दिनों के भीतर अपने ITR को वेरीफाई करने में विफल रहते हैं, तो वेरीफिकेशन की डेट को फाइलिंग डेट माना जाएगा, जिससे पेनॉल्टी लग सकती हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नियमों के अनुसार, धारा 234F के तहत लेट से वेरीफिकेशन पर पेनाल्टी देनी पड़ती है।
लेट से वेरीफिकेशन पर कितनी लगती है पेनॉल्टी?
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