इस राज्य में किसानों के लिए बन रहा स्पेशल कार्ड- आधार की तर्ज पर करेगा काम- जाने रजिस्ट्रेशन डेट एवं प्रॉसेस

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jun 29, 2024, 5:18 PM IST

यूपी गर्वनमेंट अब आधार कार्ड की तर्ज पर प्रदेश के किसानो का किसान कार्ड बनाने की तैयारी में है। इसके लिए 01 जुलाई 2024 से रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस शुरू किया जा रहा है।

Kisan Card: यूपी गर्वनमेंट अब आधार कार्ड की तर्ज पर प्रदेश के किसानो का किसान कार्ड बनाने की तैयारी में है। इसके लिए 01 जुलाई 2024 से रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस शुरू किया जा रहा है। किसान कार्ड बनवाने में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आधार नंबर, किसानों को अपनी जमीन का रकबा और खसरा नंबर का डिटेल फिल करना पड़ेगा। ये प्रॉसेस पूरा करने के बाद किसान नंबर जारी कर दिया जाएगा। जिसके माध्यम से किसान अपनी संपत्ति से जुड़ी पूरी डिटेल कभी और कहीं से भी चेक कर सकता है। रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पूरा होने के बाद किसान कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा। 

01 जुलाई से गांवों में कैंप लगेगा कैंप
यूपी गर्वनमेंट की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक किसान कार्ड बनाने के लिए गांवों में 01 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक कैंप लगेंगे। हर गांव में कैंप के जरिए दो कर्मचारी गांव के किसानों के डिटेल (नाम, पिता का नाम, पता, जमीन का गाटा संख्या, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि) डिटेल फिल करेंगे। इसमें भूखंडों में दोनों सीजन में बाेई जाने वाली फसलों का डिटेल भी फिल किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद जो किसान नंबर मिलेगा उसके जरिए PM किसान सम्मान निधि समेत अन्य सरकारी योजनाओं का बेनीफिट दिसंबर 2024 से मिलने लगेगा। 

किसान कार्ड के लिए दो फेज में होगा रजिस्ट्रेशन
UP किसान कार्ड बनाने वाला पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इसके रजिस्ट्रेशन प्राॅसेस 01 जुलाई से शुरू हो जाएगा। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर डीके सिंह के अनुसार कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है। प्रदेश से लेकर डिस्ट्रिक लेबल तक ट्रेनिंग प्रोग्राम पूरा किया गया है। फर्स्ट फेज में गांवों में कैंप लगाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, जो 31 दिन चलेगा। सेकेंड फेज 01 अगस्त से शुरू होगा, जिसमें किसान खुद अपने मोबाइल एप या जन सुविधा केंद्र पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। 

किसान कार्ड से मिलेंगी ये सुविधाएं
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर डीके सिंह के मुताबिक किसानों को लोन अप्लाई करते समय अभी रेवेन्यू रिकॉर्ड के डाक्यूमेंट लगाने पड़ते हैं, लेकिन किसान कार्ड बन जाने के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा। किसान नंबर से ही उनका पूरा डिटेल मिल जाएगा। किसानों के वेरीफिकेशन, कृषि उपज के लिए मार्केटिंग और अन्य फाईनेंसिल मामलों में सुविधा होगी। साथ ही PM किसान सम्मान निधि, फसल लोन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा और आपदा के दौरान कंपंसेशन पेमेंट के लिए किसानों की पहचान करना आसान होगा।

 


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