Mahakumbh 2025: जानिए, मेले में आने वाले लोगों की गिनती कैसे हो रही है?

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Jan 18, 2025, 3:55 PM IST

महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। जानें कैसे AI कैमरे, ड्रोन, और मोबाइल ट्रैकिंग के जरिए मेले में भीड़ की गिनती और प्रबंधन किया जा रहा है।

Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक समागम है। यह आयोजन हर 12 साल में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से होता है। महाकुंभ 2025, जो 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा, एक ऐसा आयोजन है जहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने के लिए आते हैं।

अब तक मेले में शामिल हो चुके हैं 7 करोड़ श्रद्धालु

इस साल महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। केवल पहले दो दिनों के भीतर ही लगभग 7 करोड़ श्रद्धालु मेले में शामिल हो चुके हैं। इतने बड़े आयोजन में श्रद्धालुओं की गिनती और भीड़ प्रबंधन बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। आइए जानते हैं कि इस काम को कैसे अंजाम दिया जा रहा है।

कैसे की जा रही है श्रद्धालुओं की गिनती?

महाकुंभ मेला प्रशासन ने पूरे परिसर में 1,800 से अधिक कैमरे लगाए हैं। इनमें से कई कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से लैस हैं। ये कैमरे भीड़ के घनत्व का विश्लेषण करते हैं। आने-जाने के रास्तों, घाटों और प्रवेश-निकास बिंदुओं पर रणनीतिक रूप से लगाए गए हैं। ड्रोन कैमरे भी ऊपर से पूरे परिसर की तस्वीरें खींचते हैं। कैमरों द्वारा खींची गई तस्वीरों और वीडियोज़ का केंद्रीय मूल्यांकन टीम द्वारा विश्लेषण किया जाता है। इस डेटा के आधार पर भीड़ की संख्या का सटीक अनुमान लगाया जाता है।

रीयल-टाइम डेटा और कंट्रोल सेंटर

भीड़ प्रबंधन के लिए मेला परिसर में एक केंद्रीय नियंत्रण केंद्र बनाया गया है। यहां तैनात पुलिस अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ, AI संचालित एल्गोरिदम से रीयल-टाइम डेटा का विश्लेषण करते हैं। यदि किसी क्षेत्र में असामान्य भीड़ बढ़ती है, तो तुरंत अलर्ट जारी किए जाते हैं। यह सिस्टम संभावित दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करता है।

360 डिग्री AI कैमरे

AI से लैस 360 डिग्री कैमरे भीड़ का सटीक आकलन करने में मदद करते हैं। पूरे परिसर में 1,100 स्थायी और 744 अस्थायी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र का डेटा इकट्ठा किया जाता है। ड्रोन कैमरे अतिरिक्त जानकारी प्रदान करते हैं, जिससे संख्या का बेहतर तरीके से अनुमान लगाया जाता है।

मोबाइल एप्लिकेशन का यूज

महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की गिनती के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का भी सहारा लिया है। मेला क्षेत्र में एक्टिव मोबाइल फोन की संख्या को ट्रैक किया जाता है। इस डेटा के आधार पर मौजूद लोगों की संख्या का अनुमान लगाया जाता है। इससे न केवल गिनती आसान होती है, बल्कि किसी क्षेत्र में भीड़ बढ़ने पर सतर्कता बरतने में मदद मिलती है।

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