महाकुंभ 2025 में 2,700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी, 123 वॉच टावर, स्नाइपर्स और 51,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती से हर कोना सुरक्षित। जानें इस भव्य आयोजन की आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था।
महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह सेफ बनाने के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इस बार सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी का बड़ा योगदान है। 2,700 से अधिक एआई से लैस सीसीटीवी कैमरे और 123 वॉच टावर कुंभ क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे। यूपी पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने सिक्योरिटी के लिए हाईटेक प्लान बनाया है।
संदिग्ध गतिविधियों पर एआई की पैनी नजर
महाकुंभ 2025 की सिक्योरिटी में एआई सबसे बड़ी भूमिका निभा रहा है। एआई से लैस सीसीटीवी कैमरे मेला क्षेत्र की किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम को देंगे। 80 VMD स्क्रीन पर गतिविधियों की लाइव मॉनिटरिंग होगी।
वॉच टावर: सुरक्षा का अभेद्य घेरा
पूरे मेला क्षेत्र में 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जिनसे दूरबीन की मदद से हर दिशा में नजर रखी जा सकती है। वॉच टावरों पर स्नाइपर्स, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। इन टावरों को ऐसे स्थानों पर स्थापित किया गया है, जहां से पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा सके। सुरक्षाकर्मी अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। मेले में 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। एनएसजी, एटीएस और एसटीएफ जैसी स्पेशल फोर्सेस भी एक्टिव हैं। जल पुलिस और फायर ब्रिगेड हर आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हर संवेदनशील क्षेत्र की अतिरिक्त चौकसी
महाकुंभ मेले में देश-विदेश से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर खास तैयारी की गई है। मेले के सभी जोन और सेक्टर में सुरक्षा बल तैनात हैं। 7 मुख्य प्रवेश मार्गों पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए हर संवेदनशील क्षेत्र पर अतिरिक्त चौकसी रखी जा रही है।
धार्मिक स्थलों पर विशेष प्रबंध
महाकुंभ के मुख्य धार्मिक स्थलों और संवेदनशील क्षेत्रों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी, और सलोरी जैसे स्थानों पर विशेष वॉच टावर हैं। यहां तैनात जवान आधुनिक उपकरणों से लैस हैं और हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।
फायर ब्रिगेड टीमें 24x7 अलर्ट पर
50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट किसी भी आगजनी की घटना से निपटने के लिए तैयार हैं। 4,300 फायर हाइड्रेंट मेले के हर कोने में स्थापित किए गए हैं। फायर ब्रिगेड टीमें 24x7 अलर्ट पर हैं। 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम सक्रिय हैं। स्नान घाटों और नाव संचालन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
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