Post Office Scheme: शेयर मार्केट से लेकर FD तक भारत के बड़ी संख्या में लोग अपनी रिस्क उठाने की क्षमता के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट करते हैं। जो लोग रिस्क से बचना चाहते हैं, वे गर्वनमेंट स्कीमों में इन्वेस्ट करते हैं। ज्यादातर लोग पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम में इन्वेस्ट करने पर ध्यान देते हैं। ऐसे में हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो आपको 80,000 रुपये का गारंटीड रिटर्न देगी।
Post Office Scheme: शेयर मार्केट से लेकर FD तक भारत के बड़ी संख्या में लोग अपनी रिस्क उठाने की क्षमता के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट करते हैं। जो लोग रिस्क से बचना चाहते हैं, वे गर्वनमेंट स्कीमों में इन्वेस्ट करते हैं। ज्यादातर लोग पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम में इन्वेस्ट करने पर ध्यान देते हैं। ऐसे में हम आपको पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो आपको 80,000 रुपये का गारंटीड रिटर्न देगी।
एकमुश्त इन्वेस्ट करने की जरूरत नहीं
पोस्ट ऑफिस स्कीम में आपको एकमुश्त पैसा जमा करने की जरूरत नहीं है। आप हर महीने अपनी सैलरी से सेविंग करके इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह स्कीम पोस्ट ऑफिस की एक रिकरिंग डिपॉजिट है, जिस पर सालाना 6.7 फीसदी का ब्याज मिलता है। कोई भी इस स्कीम के तहत इन्वेस्ट करके प्रॉफिट कमा सकता है।
नाबालिग के नाम पर भी ओपेन सकते हैं अकाउंट
यह मंथली इन्वेस्ट स्कीम रिस्क फ्री है और आप पोस्ट ऑफिस RD में मिनिमम 100 रुपये से इन्वेस्ट शुरू कर सकते हैं, जबकि मैक्सिमम लिमिट नहीं है। RD में नाबालिग के नाम पर भी अकाउंट ओपेन जा सकता है। हालांकि इसमें माता-पिता का नाम भी डाॅक्यूमेंट के साथ देना जरूरी है।
कैसे पाएं 80 हजार रुपये का रिटर्न?
अगर आप पोस्ट ऑफिस RD में हर महीने 7000 रुपये निवेश करते हैं तो 5 साल में कुल इन्वेस्ट 4,20,000 रुपये होगा। 5 साल बाद जब मैच्योरिटी पूरी होगी तो 79,564 रुपये का ब्याज मिलेगा। इसका मतलब है कि आपको कुल 4,99,564 रुपये मिलेंगे। यदि 5,000 रुपये की RD करते हैं तो एक साल में कुल 60,000 रुपये और 5 साल में कुल 3 लाख रुपये जमा होंगे। ऐसे में 5 साल बाद 6.7 फीसदी की दर से 56,830 रुपये का ब्याज मिलेगा और मैच्योरिटी पर 3,56,830 रुपये मिलेंगे।
हर 3 महीने में बदलता है ब्याज
गर्वनमेंट पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम के तहत हर 3 महीने में बदलाव करती है। पोस्ट ऑफिस RD स्कीम के तहत मिलने वाले ब्याज पर TDS काटा जाता है, जो ITR क्लेम करने के बाद इनकम के हिसाब से वापस कर दिया जाता है। RD पर मिलने वाले ब्याज पर 10 फीसदी का TDS लागू होता है। अगर RD पर मिलने वाला ब्याज 10 हजार रुपये से ज्यादा है तो TDS काटा जाएगा।
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