नया फ्लैट, जमीन और घर खरीदने पर तुरंत चुकता कर दें ये टैक्स, वरना जब्त हो जाएगी प्रॉपर्टी

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Jul 9, 2024, 3:35 PM IST

Property Tax: अगर किसी ने जमीन या घर खरीदा है तो उसे छह महीने और सालाना आधार पर नगर निकाय को प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा, नहीं तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही, प्रॉपर्टी जब्त भी हो सकती है।

Property Tax: अगर आपने कोई जमीन, फ्लैट, घर या बिल्डिंग खरीदी है तो आपको प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा। किसी भी तरह की अचल संपत्ति पर प्रॉपर्टी टैक्स देना अनिवार्य है, जिसे संबंधित कंसंर्ड बॉडी में जमा करना होता है। अचल संपत्ति के मालिक को छह महीने या सालाना आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स देना होता है। अगर आप यह टैक्स नहीं चुकाते हैं तो आपको जुर्माने के साथ-साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

प्रॉपर्टी टैक्स में क्या-क्या चीजें होती हैं?
प्रॉपर्टी टैक्स उसी तरह से चुकाया जाता है, जैसे कोई रेगुलर इनकम वाला व्यक्ति टैक्स चुकाता है। नगर निगम अधिनियम 1888 (MMC ACT) के अनुसार नगर निकाय की ओर से संपत्ति टैक्स में सीवरेज टैक्स, जनरल टैक्स, एजूकेशन सेस, रोड टैक्स और बेटरमेंट फीस शामिल हैं। कई शहरों में प्राॅपर्टी टैक्स का पेमेंट साल में दो बार छह महीने में किया जाता है।

अगर यह टैक्स नहीं चुकाया तो क्या होगा?
प्रॉपर्टी टैक्स घर या जमीन के मालिक को भेजा जाता है। अगर वह इसे नहीं चुकाता है तो जुर्माना या ब्याज या दोनों वसूला जा सकता है। इसके बाद कमिश्नर की ओर से वारंट जारी किया जाता है और 21 दिन का समय दिया जाता है। अगर इन 21 दिनों में भी टैक्स जमा नहीं किया जाता है तो संपत्ति जब्त की जा सकती है। साथ ही उस व्यक्ति को डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा और वह अपनी संपत्ति नहीं बेच पाएगा।

ये भी हो सकती हैं परेशानियां
प्राॅपर्टी टैक्स नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टर का न सिर्फ घर जब्त किया जा सकता है, बल्कि कई अन्य चीजें भी हो सकती हैं। प्रॉपर्टी बेचकर टैक्स का एमाउंट वसूला जा सकता है। साथ ही उस व्यक्ति के खिलाफ FIR भी दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा कुछ मामलों में उसे जेल भेजने का भी प्रावधान है।

अगर मकान किराए पर है तो कौन देगा यह टैक्स?
रूल्स के मुताबिक अगर किसी मकान मालिक ने अपना मकान किराए पर दे रखा है तो उसे सालाना या छमाही आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा। हालांकि, अगर मकान मालिक यह टैक्स नहीं चुका पाता है तो उस मकान में किराए पर रहने वाले व्यक्ति को प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा। अगर किराएदार भी प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने से मना कर देता है तो नगर निकाय को इसे वसूलने का अधिकार है।

 

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