सुभद्रा योजना हेल्पलाइन: एक कॉल से हल होगी आपकी हर समस्या

By Rajkumar Upadhyaya  |  First Published Aug 31, 2024, 11:05 PM IST

सुभद्रा योजना हेल्पलाइन: ओडिशा सरकार की नई योजना महिलाओं को ₹10,000 तक की वार्षिक आर्थिक सहायता देगी। टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14678 जारी। जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया। 

Subhadra Yojana Toll Free Helpline: भारत सरकार और राज्य सरकारें समय-समय पर देश के नागरिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लाती हैं। खासकर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकारें विशेष योजनाएं पेश करती हैं। हाल ही में, ओडिशा सरकार ने महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है सुभद्रा योजना। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन भी जारी की गई है, जिस पर महिलाएं अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकती हैं।

क्या है सुभद्रा योजना? जानिए कौन-कौन उठा सकता है लाभ

ओडिशा सरकार द्वारा शुरू की गई सुभद्रा योजना 21 से 60 साल की महिलाओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को अगले पांच वर्षों तक हर साल ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि पांच-पांच हजार की दो किस्तों में, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।

योजना का लाभ पाने के लिए शर्तें क्या?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं। जिन महिलाओं के परिवार की सालाना आय ₹2.50 लाख से अधिक नहीं है, वे इस योजना में आवेदन कर सकती हैं। इसके अलावा, उनका राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) या राज्य खाद्य सुरक्षा योजना (SFSS) में रजिस्टर्ड होना भी जरूरी है।

सुभद्रा टोल-फ्री हेल्पलाइन: 14678

ओडिशा सरकार ने सुभद्रा योजना से जुड़ी सहायता और शिकायतों के लिए टोल-फ्री नंबर 14678 जारी किया है। महिलाएं इस हेल्पलाइन पर सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक कॉल कर सकती हैं। यह हेल्पलाइन योजना से संबंधित किसी भी प्रश्न, हेल्प या कंप्लेन के लिए उपलब्ध है।

कब से शुरू हो रही सुभद्रा योजना?

ओडिशा में सुभद्रा योजना की शुरूआत 17 सितंबर से की जाएगी। योजना के तहत महिलाओं को साल में दो बार आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहली किस्त रक्षाबंधन पर और दूसरी किस्त अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर। इस योजना का मकसद राज्य की एक करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को फाइनेंशियली हेल्प करना है। योजना के लिए 5,825 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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