...तो क्या भारत से बाहर हो जाएगा WhatsApp ? यहां समझिए 5 मुख्य कारण

By Surya Prakash Tripathi  |  First Published Apr 26, 2024, 12:37 PM IST

IT नियम 2021 के नियम 4(2) के साथ मैसेज एन्क्रिप्शन पर विवाद के कारण Whatsapp भारत में अपनी सेवा बंद कर सकता है। अदालत इसकी समीक्षा कर रही है, ट्रेसबिलिटी मांगों के खिलाफ यूजर्स की गोपनीयता का ईवैल्युएशन कर रही है।

Will WhatsApp go out of India?: मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Whatsapp ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक बोल्ड स्टेटमेंट दिया है कि अगर उसे अपने मैसेज एन्क्रिप्शन से समझौता करने के लिए कहा जाएगा तो वह भारत में ऑपरेशन बंद कर देगा। व्हाट्सएप ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूजर इसके एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के कारण प्लेटफॉर्म पर भरोसा करते हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि इससे समझौता करने से विश्वास में बाधा आएगी। कोर्ट वर्तमान में IT रूल 2021 के नियम 4(2) के खिलाफ व्हाट्सएप और उसकी मूल कंपनी मेटा की पिटीशन की समीक्षा कर रही है। यह क्या है?  इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या व्हाट्सएप इंडिया से बाहर हो जाएगा?  जानिए क्या है इसका डिटेल?

Rule 4(2) Explanation of dispute: रूल 4(2) के तहत नियम है कि 5 मिलियन से अधिक यूजर्स वाले व्हाट्सएप जैसे विशाल सोशल मीडिया ऐप को यह पता लगाने में सक्षम होना चाहिए कि कोर्ट के आदेश दिए जाने पर पहला मैसेज किसने भेजा था। व्हाट्सएप का मानना है कि इस नियम से उन्हें कई मैसेज लंबे समय तक रखने में मदद मिलेगी, जिसकी मांग कोई अन्य देश नहीं करता है। उसका कहना है कि टेक्नोलॉजी के बारे में मेन लॉ में ये रूल स्पष्ट नहीं है।

Whatsapp पर Government Opinion: व्हाट्सएप की गोपनीयता रखता है, भारत सरकार जवाबदेही और ट्रेसेबिलिटी की आवश्यकता पर जोर देती है। सरकार का कहना है कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि फेंक न्यूज या खतरनाक सामग्री को रोकने के लिए मैसेज कौन भेजता है? उनका मानना है कि ऐप्स को फेंक मैसेज भेजने वाले या ऑनलाइन परेशानी पैदा करने वाले लोगों को ढूंढने में मदद करनी चाहिए। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे कीर्तिमान सिंह ने स्पष्ट किया कि दिशानिर्देशों का उद्देश्य संदेश प्रवर्तकों का पता लगाना है।

Whatsapp Balance privacy and message tracing: दिल्ली हाई कोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए सुझाव दिया है कि गोपनीयता के अधिकार पूर्ण नहीं हैं। अदालत गोपनीयता संबंधी चिंताओं और सरकार के ट्रेसेबिलिटी के उद्देश्य के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को स्वीकार करती है। अदालत ने इस मामले पर और अधिक गौर करने का फैसला किया है। कोर्ट ने कहा कि 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए गए IT नियमों के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देने वाले अन्य मामलों के साथ इसे जोड़कर अगली सुनवाई अगस्त 2024 में होगी।

Whatsapp से मिलने वालीं IT नियमों को चुनौतियां
सोशल मीडिया और डिजिटल समाचार प्लेटफार्मों पर जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए IT नियमों को कई उच्च न्यायालयों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की अदालतों को इन नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाएं मिली हैं। 

Whatsapp के जाने से भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत में व्यक्तिगत और व्यावसायिक संचार के लिए व्हाट्सएप का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यदि यह चला जाता है, तो यहां लाखों यूजर्स और व्यवसाय को प्रभावित कर सकता है, जो डेली कम्युनिकेशन के लिए ऐप पर भरोसा करते हैं।


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