मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही हालात बदल गए हैं। यहां नागरिक सेवाएं बदतर होती जा रही हैं। छतरपुर जिले के जिला मुख्यालय में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां परा गांव से शादी के बाद की पहली डिलीवरी कराने आई 24वर्षीय (जननी) रूपा बंसकार पत्नी राजेन्द्र बंसकार आई थीं।
मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही हालात बदल गए हैं। यहां नागरिक सेवाएं बदतर होती जा रही हैं।
छतरपुर जिले के जिला मुख्यालय में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां परा गांव से शादी के बाद की पहली डिलीवरी कराने आई 24वर्षीय (जननी) रूपा बंसकार पत्नी राजेन्द्र बंसकार आई थीं।
लेकिन उनको भर्ती नहीं किया गया। उसे देर शाम खून की कमी की बात कहकर अस्पताल से रेफर करके बाहर निकाल दिया गया।
जिसकी वजह से रुपा को रात भर अस्पताल के बाहर मंदिर के पास बने चबूतरे पर ही रहना पड़ा। देर रात उनकी हालत और बिगड़ गई। जहां प्रसव पीड़ा के दौरान तड़के सुबह चबूतरे पर ही महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया। जिसकी जन्म लेते ही मौत हो गई।
इस प्रसव के दौरान अस्पताल प्रशासन का कोई भी डॉक्टर, कर्मचारी, नर्स या वार्डबॉय इस तड़पती हुईऊ महिला की मदद करने के लिए नहीं पहुंचा। परिजन ही प्रसव कराते रहे और स्ट्रेचर पर खुद ही लेवर रूम (प्रसव वार्ड) तक ले गए।
यहां भी लेवर रूम में डॉक्टरों नर्सों की अनुपस्थिति में जननी रूपा की जान पर बन आई और उसके बच्चे की मौत हो गई। जिसकी वजह से परिजनों के दुख का पारावार नहीं रहा।
इस बाबत जब मुख्य चिकित्सा जिला अधिकारी वी.एस.बाजपेयी से बात की तो पहले वह मामले को सिरे से नकार गये पर ज़ब मामले की प्रत्यक्षदर्शिता और वीडियो की बात कही तो बयान बदलते हुए महिला के इलाज़ की बात और हर संभव मदद की बात कही।