अमेरिका से ट्रेड वॉर चीन की अर्थव्यवस्था को कर रहा है तबाह

By Team MyNationFirst Published Aug 10, 2019, 7:29 PM IST
Highlights

अमेरिका और चीन की व्यापारिक जंग पूरी दुनिया पर बुरा असर डाल रही है। इसकी वजह से चीन की अर्थव्यवस्था खास तौर पर बर्बादी की ओर बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष इस बात की चेतावनी जाहिर कर चुका है। 
 

नई दिल्ली:  ट्रेड वॉर से चीन का बुरा हाल होता जा रहा है। आईएमएफ(अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने उसकी जीडीपी में और गिरावट की आशंका जताई है। उसकी चेतावनी के मुताबिक अगर अमेरिका चीन के बचे आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाता है तो इससे चीन की आर्थिक वृद्धि दर अगले 12 महीने में करीब 0.80 प्रतिशत कम होने की आशंका है। 

आईएमएफ ने चीन की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान इस साल के लिए घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया है। 1 सितंबर से चीन के 300 अरब डॉलर के सामान पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क प्रभावी होगा। 

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन की हालत पर तंज कस रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई दशकों में उनका(चीन के लिए) सबसे बुरा साल है, यह और बुरा होने वाला है, मैं समझौते को तैयार नहीं। 

आईएमएफ वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर चिंतित है। उसके मुताबिक अमेरिका चीन की इस जंग का नकारात्मक असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकता है। उसने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच जारी व्यापारिक तनाव को यथाशीघ्र सुलझाने की भी अपील की है। 

लेकिन अमेरिका इस लड़ाई को और आगे खींचना चाहता है। ट्रंप ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह सितंबर महीने में प्रस्तावित अगली व्यापार वार्ता को रद्द कर सकते हैं। उन्होंने व्यापार समझौता होने पर भी संदेह जताया। ट्रंप जानते हैं कि ट्रेड वॉर जितना लंबा खिंचता जाएगा चीन के लिए उतना ही भारी पड़ेगा। 

हालांकि अभी तक यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन से आयात होने वाले सामान पर आगे कोई और शुल्क नहीं लगाया जाएगा। लेकिन यदि चीन के शेष आयात पर भी 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया तो अगले साल के लिए चीन की जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान और कम हो सकता है। चीन की अर्थव्यवस्था की समीक्षा पर आधारित यह रिपोर्ट जब तैयार की गई थी तब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन के 300 अरब डॉलर के सामान पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा नहीं की थी। नया शुल्क 1 सितंबर से प्रभावी होने वाला है।

ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में बयान जारी किया कि 'चीन समझौता करना चाहता है। यह कई दशकों में उनका सबसे बुरा साल है। यह और बुरा होने वाला है। हजारों कंपनियां चीन छोड़ रही हैं। वे समझौता करना चाहते हैं। मैं समझौते के लिए तैयार नहीं हूं।' 

दोनों देशों के बीच पिछले साल नवंबर में व्यापार वार्ता की शुरुआत हुई। अब तक दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई सार्थक परिणाम सामने आ नहीं सका है। हालांकि, दोनों देशों के बीच नवंबर में वार्ता शुरू होने के बाद 100 दिनों के भीतर समझौते पर पहुंचने की सहमति बनी थी। इससे पहले इसी सप्ताह अमेरिका ने चीन को मुद्रा में हेरफेर करने वाला देश घोषित किया है।
 

click me!