ब्रेग्जिट समझौता: टेरेसा मे और यूरोपीय संघ के बीच नहीं खत्म हो रहा है गतिरोध

By PTI Bhasha  |  First Published Oct 17, 2018, 11:09 AM IST

यूरोपिय संघ के अध्यक्ष के मुताबिक यदि टेरेसा मे और यूरोपीय संघ के वार्ताकार माइकल बार्नियर समझौता मसौदे की दिशा में कोई ठोस संकेत नहीं देते हैं तो वह ब्रेग्जिट पर हस्ताक्षर के लिए नवंबर में बैठक नहीं बुलाएंगे।


ब्रसेल्स-  ब्रेग्जिट समझौते को लेकर ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच बरकरार गतिरोध को खत्म करने और समझौते की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए लिहाज से प्रधानमंत्री टेरेसा मे तथा यूरोपीय संघ के नेता चर्चा करेंगे।


कहा जा रहा था कि यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के फैसले के संबंध में ब्रसेल्स में इस सप्ताह आयोजित बैठक का कुछ ठोस परिणाम होगा, लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों पक्षों में ब्रेग्जिट को लेकर कोई सहमति नहीं बन रही है।


यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क का कहना है, ‘‘मैं प्रधानमंत्री मे से पूछने वाला हूं कि क्या इस गतिरोध को खत्म करने के लिए उनके पास कोई ठोस प्रस्ताव है।’’ 


वहीं ब्रिटेन में हालात यह है कि ना सिर्फ विपक्ष बल्कि उनकी अपनी पार्टी और यहां तक कि कैबिनेट सहयोगी भी मे के खिलाफ हमलावर हो रहे हैं। संभवत: प्रधानमंत्री मे के पास ब्रेग्जिट संबंधी इस गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई प्रस्ताव भी नहीं है।


बुधवार को शुरू हुई बैठक से आसार नजर आ रहे हैं कि ब्रेग्जिट के बाद ब्रिटेन अकेला रह जाएगा। क्योंकि इस बीच टस्क ने स्पष्ट किया है कि यदि मे और यूरोपीय संघ के वार्ताकार माइकल बार्नियर समझौता मसौदे की दिशा में कोई ठोस संकेत नहीं देते हैं तो वह ब्रेग्जिट पर हस्ताक्षर के लिए नवंबर में बैठक नहीं बुलाएंगे।


स्थिति यह होगी कि यह पूरी प्रक्रिया दिसंबर तक टल जाएगी और यूरोपीय संघ नवंबर के सप्ताहांत में ‘‘बिना-समझौते’’ वाले ब्रेग्जिट की तैयारियों में जुट जाएगा।


इससे पहले दोनों पक्षों में सहमति बनी थी कि बिना किसी समझौते और भविष्य के संबंधों की रूपरेखा के बिना ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से 29 मार्च, 2019 को बाहर निकलना आर्थिक और राजनयिक आपदा होगा।


लेकिन उत्तरी आयरलैंड और आयरिश रिपब्लिक के बीच सीमाओं को बंद करने के फैसले पर कानूनी प्रतिबंध लगाने के यूरोपीय संघ के निर्णय को ब्रिटेन ने मानने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच समझौते को लेकर आशंकाएं पैदा हो गई हैं।


लक्जमबर्ग में अपने समकक्षों के साथ एक बैठक के बाद यूरोपीय मामलों के पोलैंड के मंत्री कोंराड सिमंस्की से कहा कि उन्हें लगता है कि दोनों पक्ष बिना किसी समझौते से अलग होने की कगार पर हैं।

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