घरेलू स्तर पर विकसित यह रडार प्रणाली चीनी नौसेना को समुद्री क्षेत्रों पर पूरी तरह नजर रखने में सक्षम बनाएगी और यह शत्रु पोतों, विमानों एवं मिसाइलों के खतरों को मौजूदा तकनीक की तुलना में बहुत पहले पहचान लेगी।
चीन ने एक ऐसा समुद्री रडार विकसित किया है जो पूरे भारत पर लगातार नजर रख सकता है। हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने चीन के ‘ओवर द होरिजन’ यानी ओटीएच रडार कार्यक्रम का हिस्सा रहे वैज्ञानिकों के हवाले से यह दावा किया है।
घरेलू स्तर पर विकसित रडार प्रणाली चीनी नौसेना को समुद्री क्षेत्रों पर पूरी तरह नजर रखने में सक्षम बनाएगी और यह शत्रु पोतों, विमानों एवं मिसाइलों के खतरों को मौजूदा तकनीक की तुलना में बहुत पहले पहचान लेगी।
पोस्ट ने कहा कि ‘भारत के आकार जितने क्षेत्र पर लगातार नजर रखने’ में सक्षम चीन की इस रडार तकनीक को विकसित करने का श्रेय चाइनीज अकेडमी ऑफ साइसेंस के शिक्षाविद् लियू योंगतान को जाता है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने लियू और एक अन्य सैन्य वैज्ञानिक कियान क्विहू को उनके योगदान के लिए मंगलवार को विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले देश के शीर्ष पुरस्कार से सम्मानित किया।
लियू ने कहा कि पोत आधारित ओटीएच रडार ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी को अपेक्षाकृत बहुत बड़े क्षेत्र पर नजर रखने में सक्षम बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘पारंपरिक तकनीकों की मदद से हमारे समुद्री क्षेत्र के करीब 20 प्रतिशत भाग की ही निगरानी हो पाती थी। नई प्रणाली पूरे क्षेत्र पर नजर रखेगी।’
पोस्ट ने उनके हवाले से कहा कि यह रडार दक्षिण चीन सागर, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर समेत अहम क्षेत्रों में हमारी नौसेना की सूचना एकत्र करने की क्षमता बढाएगी।