यूरोपीय संसद ने पाकिस्तान को बुरी तरह लताड़ते हुए कहा है कि भारत में हो रही आतंकवादी घटनाओं में उसका सीधे तौर पर हाथ है।यूरोपीय यूनियन में पिछले 11 सालों में पहली बार कश्मीर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई। जिसमें यूरोप के सांसदों ने पाकिस्तान का आतंकवाद का जनक करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की है।
स्ट्रासबर्ग: यूरोपीय संसद ने आतंकवाद के मसले पर भारत के तर्क को स्वीकार करते हुए पाकिस्तान को पूरी तरह आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सभी सांसदों ने एक स्वर में भारत में होने वाले आतंवादी हमलो के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। बल्कि एक सांसद ने तो यहां तक कह दिया कि भारत में चांद से आतंकवादी नहीं आते हैं। यूरोपीय सांसदों का साफ तौर पर मानना था कि पाकिस्तान ही भारत में आतंकवादी भेजता है।
सांसदों ने कहा कि हमें भारत का समर्थन करना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान में आतंकियों को संरक्षण मिलता है और वे पड़ोसी देश में हमले करते हैं।
यूरोपीय संसद में चर्चा के दौरान पोलैंड के नेता और यूरोपियन यूनियन के सांसद रिजार्ड जार्नेकी ने कहा कि 'भारत दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र है। हमें भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में होने वाली आतंकी घटनाओं पर गौर करने की जरूरत है। ये आतंकी चांद से नहीं आते हैं। वे पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से ही आ रहे हैं। ऐसे में हमें भारत को समर्थन देना चाहिए'।
Ryszard Czarnecki, European Conservatives&Reformists Group,Poland: India is the greatest democracy of the world. We need to look at terrorist acts that took place in India,J&K.These terrorists didn't land from moon.They were coming from neighboring country.We should support India pic.twitter.com/Q0zdYWd8F8
— ANI (@ANI)इसके अलावा यूरोपियन यूनियन में इटली के सांसद फुलवियो मार्तुसिलो ने कहा कि 'पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दे रहा है। उन्होंने स्थानीय हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ही है, जहां आतंकी साजिश रचकर यूरोप में हमलों को अंजाम देते हैं'।
कश्मीर मसले पर काफी देर तक हुई बहस के बाद यूरोपियन यूनियन की संसद संयुक्त रुप से इस नतीजे पर पहुंची कि कश्मीर का मसला भारत और पाकिस्तान को मिल बैठकर सुलझाना चाहिए और इसमें यूरोपियन यूनियन की कोई भी भूमिका नहीं है।
यूरोपियन यूनियन के सांसदों का साफ तौर पर मानना था कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है और इसका समाधान उन्हीं दोनों के बीच बातचीत करके निकाला जाना चाहिए।