पांच ओलंपिक गोल्ड जीतने वाली मिसी फ्रेंकलिन बोलीं, हिंदू ग्रंथों को पढ़ने से मिलती है मानसिक शांति

By Team MyNation  |  First Published Feb 19, 2019, 5:08 PM IST

अमेरिका की 23 साल की इस तैराक ने पिछले साल दिसंबर में संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। कंधे के दर्द से परेशान मिसी ने संन्यास के बाद मनोरंजन के लिए योग करना शुरू किया। लेकिन हिंदू धर्म के बारे में जानने के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ हुआ। 

हिंदू ग्रंथों को पढ़ने से मानसिक शांति मिलती है। हिंदुत्व को जानना और महाभारत, रामायण को पढ़ने का अनुभव कमाल का है। महाभारत के किरदारों पर भले ही मैं भ्रमित हो जाती हूं लेकिन रामायण में राम और सीता के बारे में पढ़ना मुझे आकर्षित करता है। यह कहना है तैराकी में पांच बार की ओलंपिक चैंपियन मिसी फ्रेंकलिन का। अमेरिका की 23 साल की इस तैराक ने पिछले साल दिसंबर में संन्यास की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। कंधे के दर्द से परेशान मिसी ने संन्यास के बाद मनोरंजन के लिए योग करना शुरू किया। लेकिन हिंदू धर्म के बारे में जानने के बाद उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ हुआ। वह जॉर्जिया विश्वविद्यालय में धर्म में पढ़ाई कर रही हैं। 

फ्रेंकलिन ने लॉरेस विश्व खेल पुरस्कार के दौरान कहा, 'मैं पिछले एक साल से धर्म की पढ़ाई कर रही हूं। यह काफी आकर्षक और आंखें खोलने वाला है। मुझे विभिन्न संस्कृतियों, लोगों और उनकी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पढ़ना पसंद है।' 

लंदन ओलिंपिक में 5 स्वर्ण पदक जीतने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, 'मेरा अपना धर्म ईसाई है लेकिन मेरी दिलचस्पी हिंदू धर्म में ज्यादा है। मैं इस्लाम भी पढ़ रही हूं। ये दोनों ऐसे धर्म हैं जिनके बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था लेकिन उनके बारे में पढ़ने के बाद लगा की ये शानदार हैं।' 

तैराकी में सफल फ्रेंकलिन पढ़ाई में भी काफी अच्छी हैं और वह हिंदू धर्म के बारे में काफी कुछ जानती हैं। वह रामायण और महाभारत की ओर आकर्षित हैं और अपरिचित नामों के बाद भी दोनों महाग्रंथों को पढ़ रही हैं। 

उन्होंने कहा, 'मुझे उसके मिथक और कहानियां अविश्वसनीय लगती हैं। उनके भगवान के बारे में जानना भी शानदार है। महाभारत और रामायण पढ़ने का अनुभव कमाल का है।' (इनपुट पीटीआई)

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