सामरिक स्वायत्तता और सामरिक साझेदारी के बीच कोई विरोधाभास नहीं- मैटिस

By PTI Bhasha  |  First Published Dec 4, 2018, 11:21 AM IST

सीतारमण अमेरिका की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यहां से वह कैलिफोर्निया में रक्षा मंत्रालय के डिफेंस इनोवेशन यूनिट तथा हवाई में हिंद प्रशांत कमान मुख्यालय गईं। मैटिस ने सीतारमण का पेंटागन में हुई प्रतिनिधि स्तर की बैठक में स्वागत किया।

वाशिंगटन—अमेरिका के दौरे पर पर गई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से मुलाकात की। मिलाकात के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका रक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन सामरिक स्वायत्तता और सामरिक साझेदारी के बीच कोई विरोधाभास नहीं देखता। सीतारमण अमेरिका की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यहां से वह कैलिफोर्निया में रक्षा मंत्रालय के डिफेंस इनोवेशन यूनिट तथा हवाई में हिंद प्रशांत कमान मुख्यालय गईं।

मैटिस ने सीतारमण का पेंटागन में हुई प्रतिनिधि स्तर की बैठक में स्वागत करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका और भारत ने प्रधानमंत्री(नरेन्द्र मोदी) के कार्यकाल में, अतीत से चली आ रही हिचकिचाहटों को दूर किया, दोनों देशों ने मित्रता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए यह स्पष्ट किया कि सामरिक स्वायत्तता और सामरिक साझेदारी के बीच, कहीं कोई विरोधाभास नहीं है।’’ 

सीतारमण रविवार को वाशिंगटन डीसी पहुंचीं। अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरूआत उन्होंने विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय से की, जहां उन्होंने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के लिए शोक पुस्तिका में शोक संदेश लिखा।  इसके बाद वह आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री गईं जहां उन्होंने अज्ञात सैनिकों की कब्र पर पुष्पचक्र समर्पित किया। 

मैटिस ने पेंटागन में रक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री में अपने देश की ओर से सम्मान व्यक्त करने के लिए हमारे मंत्रालय और हमारे सभी सेनाकर्मियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं।’’ 

उन्होंने कहा कि सीतारमण की ओर से पुष्पांजलि अर्पित करना यह दिखाता है कि अमेरिका-भारत सैन्य संबंध केवल शब्दों से ही परिभाषित नहीं हैं बल्कि दोनों देशों के बलिदान तथा शांति, मित्रता और स्वतंत्रता को लेकर उनकी साझेदारी के मानवीय पहलू पर आधारित हैं। 

मैटिस ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों ने अपने बीच भिन्न संस्कृति तथा भिन्न इतिहास होने के बावजूद नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए सिद्धांतों, मूल्यों और सम्मान को साझा किया है। 

उन्होंने कहा ‘‘सितंबर में आपके देश की मेजबानी में नयी दिल्ली में टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता होने के बाद खास तौर पर अमेरिका भारत रक्षा सहयोग में हमने सार्थक प्रगति की है।’’ 

मैटिस ने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत संबंध विश्व के प्राचीनतम और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच स्वाभाविक साझेदारी है।’’ सीतारमण की यह वाशिंगटन डीसी की पहली यात्रा है लेकिन एक साल में दोनों नेताओं की यह चौथी मुलाकात हैं जो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दिखाती है।

मैटिस ने कहा ‘‘क्षेत्र में और पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने में और इसके लिए एक स्थिरताकारक ताकत के तौर पर भारत के नेतृत्व की अमेरिका सराहना करता है।’’ उन्होंने कहा कि सितंबर में संपन्न टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता ने, अपनी रक्षा भागीदारी को और आगे ले जाने की भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट कर दिया। 
 

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