पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक उठापटक को देखर हाफिज को लग रहा था कि उसके लिए सबसे सही समय है जब वह राजनीति में उतर सकता है। उसका इरादा था कि इसका फायदा उठाकर वह प्रधानमंत्री बन सकता है।
पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में वहां की जनता ने 26/11 मुंबई हमले का मास्टर माईंड और लशकर-ए-तैयबा के मुखिया आतंकी हाफिज सईद को नकार दिया। चुनाव में हाफिज सईद का एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया है।
यहां तक की उसका बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी हार गए हैं। सईद ने 265 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन एक भी सीट पर उसके किसी उम्मीदवार को जीत हासिल होती नहीं दिख रही है। बता दें कि हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लीम लीग को चुनाव आयोग ने मान्यता देने से मना कर दिया था।
मान्यता नहीं मिलने के बाद हाफिज सईद ने अल्लाह-ओ-अकबर पार्टी के जरिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। पाकिस्तान की जनता ने आतंकी के राजनीति में आने के मंसूबों पर पानी फेरते हुए उसे तगड़ा झटका दिया है।
पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक उठापटक को देखर हाफिज को लग रहा था कि उसके लिए सबसे सही समय है जब वह राजनीति में उतर सकता है। उसका इरादा था कि इसका फायदा उठाकर वह प्रधानमंत्री बन सकता है।
उधर इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ 113 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है यानी वह बहुमत से कुछ ही दूर हैं। कुछ समय में यह पता चल जाएगा कि पाकिस्तान की आवाम ने किसे अपना वजीर-ए-आजम चुना है। इन चुनावों में पड़ोसी देश की जनता ने आतंक को सिरे से खारिज कर दिया है।