अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट की मानें तो भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति सुधरी है, लेकिन अब भी काफी काम बाकी है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों से इस रैंकिंग में सुधार हुआ है।
बर्लिन—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कड़े कदम का असर दिखने लगा है। अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट की मानें तो भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति सुधरी है, लेकिन अब भी काफी काम बाकी है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए कदमों से इस रैंकिंग में सुधार हुआ है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ग्लोबल करप्शन परसेप्शन इंडेक्स-2018 के अनुसार 180 देशों की सूची में भ्रष्टाचार के मामले में भारत 78 वें पायदान पर है। वहीं इस सूची में भारत 2017 में 81 वें स्थान पर था। 2011 के बाद पहली बार अमेरिका 20 देशों की सूची में बाहर हो गया है।
इस लिस्ट की माने तो भारत से ज्यादा रूस, चीन और पाकिस्तान समेत 102 देशों में ज्यादा भ्रष्टाचार है। इस रिपोर्ट में सोमालिया को दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश बताया गया है। जबकि सबसे बेहतर देश डेनमार्क है उसके बाद न्यूजीलैंड, फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन और स्विट्जरलैंड का नंबर आता है।
अगर 2017 की बात करें तो भारत को 40 अंक मिले थे। जबकि इस साल भारत के खाते में 41 अंक आए हैं। यानी एक अंक की बढ़ोतरी के साथ भ्रष्ट देशों के पायदान पर भारत नीचे आया है।
भारत के मुकाबले पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान की स्थिति काफी खराब है। इस लिस्ट में चीन 87वें पायदान पर है और पाकिस्तान बहुत ज्यादा बुरी स्थिति में है। 180 देशों की लिस्ट में पाकिस्तान 117वें स्थान पर है।
इस वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक में करीब दो तिहाई से अधिक देशों को 50 से कम अंक मिले हैं