चीन को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने सूचित किया है कि वे अन्य विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। खासकर खुली बहस कराने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है, जिसके बाद मतदान होगा। बीजिंग को यह भी बताया गया है कि कुछ महीनों, कुछ सप्ताह में नहीं, बल्कि कुछ दिनों में ही ऐसा किया जा सकता है।
वाशिंगटन/नई दिल्ली। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मुहिम को सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद बंधी है। माना जा रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अब चीन के साथ गहन ‘सद्भावना' वार्ता कर रहे हैं, ताकि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर कोई ‘समझौता' किया जा सके। इस बीच, अचानक बदले घटनाक्रम में मसूद अजहर को लेकर चीन के सुर नरम पड़ते दिख रहे हैं। नई दिल्ली में चीन के राजदूत ने कहा है कि 'हम मसूद अजहर मामले का हल निकाल लेंगे।'
मामले के जानकारों के अनुसार अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव की भाषा को लेकर भी चीन से बातचीत कर रहे हैं। चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को बुधवार को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था। इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था। इन तीनों देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामामें 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कुछ दिनों बाद प्रस्ताव पेश किया था। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे।
खुली बहस के लिए जा सकता है मामला
जानकारों के अनुसार, यदि इस प्रयास के बावजूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जाता तो तीन स्थायी सदस्य यानी अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली शाखा में पेश करने की योजना बना रहे हैं। भारत ने चीन के अड़ियल रुख पर निराशा जताई है। वहीं प्रस्ताव पेश करने वाले तीनों देशों ने चेताया है कि वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘अन्य कदमों' पर विचार करेंगे। आमतौर पर सुरक्षा परिषद की आंतरिक वार्ताएं गोपनीय रखी जाती हैं लेकिन इस बार आतंकवादी को बचाने के चीन के अनुचित दृष्टिकोण से हताश परिषद के कई सदस्यों ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए मीडिया को बताया कि चीन किस प्रकार नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
समझा जाता है कि चीन को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने सूचित किया है कि वे अन्य विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। वे खासकर खुली बहस पर विचार कर रहे हैं जिसके बाद प्रस्ताव पर मतदान होगा। बीजिंग को सूचित किया गया है कि यह कुछ महीनों, कुछ सप्ताह में नहीं, बल्कि कुछ दिनों में होगा। साथ ही, इन देशों के अधिकारियों का मानना है कि चीन पहले की तुलना में इस बार अधिक सहयोग कर रहा है। इस प्रस्ताव पर चीन का सहयोग मिलने को बड़ी सफलता माना जाएगा। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच बातचीत होना एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
चीन के रुख से नरमी के संकेत
ऐसा माना जा रहा है कि चीन का रुख भी इस मामले पर कुछ नरम हुआ है। प्रस्ताव के मूल प्रायोजक पिछले 50 घंटों से चीन के साथ ‘सद्भावना' वार्ता कर रहे हैं जिसे मामले के जानकार कई लोगों ने ‘समझौता' करार दिया है। इसका संभवत: यह मतलब है कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी तो घोषित किया जाएगा लेकिन उसे आतंकवादी घोषित करते समय इस्तेमाल की जाने वाली भाषा ऐसी होगी, जो चीन के लिए स्वीकार्य हो। माना जा रहा है कि चीन ने अजहर को आतंकवादी घोषित किए जाने की भाषा में ‘कुछ बदलावों' का सुझाव दिया है और अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस इन सुझावों पर विचार कर रहे हैं। तीनों देशों ने संकेत दिया है कि यदि प्रस्ताव का मूल भाव नहीं बदलता और अंतत: अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाता है तो वे भाषा में बदलाव करने के चीन के अनुरोध को मानने के इच्छुक हैं। लेकिन अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य अतीत के विपरीत, इस बार चीन के साथ वार्ता का निष्कर्ष निकलने तक बहुत अधिक देर इंतजार करने के इच्छुक नहीं हैं।
चीनी राजदूत के बयान से मिली हवा
Chinese Ambassador to India Luo Zhaohui speaks to ANI over China blocks India's bid to designate M Azhar as global terrorist in UNSC, says "...It'll be resolved, it's only a technical hold which means there is time for continued consultations. It'll be resolved believe me" pic.twitter.com/NXZAwdyDnk
— ANI (@ANI)भारत में चीन के राजदूत लिओ झेंगहुई ने सकारात्मक संकेत देते हुए कहा है, 'हम इस मामले को सुलझा लेंगे। यह सिर्फ तकनीकी रोक है, जिसका मतलब है कि इस बारे में और विचार किया जाएगा। मेरा भरोसा रखिए, यह मामला सुलझ जाएगा।' चीनी दूतावास में होली के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'मसूद अजहर के मामले को हम पूरी तरह समझ रहे हैं और इसमें पूरा भरोसा है। हम इस मामले में भारत की चिंता भी समझते हैं। हमें पूरी तरह आशावान हैं कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा।' उन्होंने कहा, 'पिछले साल हुआ वुहान सम्मेलन सहयोग सही और तेज ट्रैक पर है। हम सहयोग से संतुष्ट हैं और भविष्य को लेकर आशावादी हैं।' (इनपुट भाषा से भी)