करियर डेस्क. संदीप कुमार (Sandeep Kumar) की यूपीएससी 2020 परीक्षा में 186वीं रैंक आयी है। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) से मैथमेटिक्स एंड कम्प्यूटिंग में मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद कॉरपोरेट सेक्टर में बड़ी सैलरी पर सर्विस को अहमियत नहीं दी। संदीप कहते हैं कि कभी भी अपनी गलतियों को मत दोहराइए। संदीप कहते हैं कि सबसे पहले अपना लक्ष्य स्पष्ट करें कि उनको क्या करना है। यूपीएससी में आपका लक्ष्य एकदम स्पष्ट होना चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने संदीप से बातचीत की। आइए जानते हैं कौन से टिप्स दिए हैं।

एक बुरा दोस्त आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है
संदीप कहते हैं कि कभी भी अपनी गलतियों को मत दोहराइए। लोग रिवीजन नहीं करते हैं या फिर टेस्ट सीरीज नहीं देते हैं, असेसमेंट नहीं कर पाते हैं। यह कॉमन मिस्टेक है। इसको चिन्हित करिए और हमेशा अपने सामने रखिए कि मैं यह गलती कर रहा हूं या नहीं कर रहा हूं। मैंने भी हमेशा यही अपने सामने रखा था कि यह कॉमन मिस्टेक नहीं करना है। आपकी संगति अच्छी होनी चाहिए। हमेशा ऐसे लोगों की संगति में रहिए जो आपको हमेशा मोटिवेट करते हैं। बुरे लोगों की संगति में कभी नहीं रहना है। एक बुरा दोस्त आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकता है। मैं इस पर काफी सचेत रहता था। इस परीक्षा के फेज में काफी सचेत रहना है कि मुझे बुरे लोगों की संगति में नहीं जाना है।

महत्वपूर्ण रही यूपीएससी जर्नी
संदीप कुमार कहते हैं कि यूपीएससी की जर्नी जीवन की महत्वपूर्ण जर्नी रही है। इसमें काफी सीखने को मिला है, संघर्ष भी रहा। असफलताएं भी हाथ लगी। जब यूपीएससी के पहले अटेम्पट में इंटरव्यू बोर्ड का सामना करने के बाद भी सिलेक्शन नहीं हुआ, तो हार नहीं माना। फिर अपनी गलतियों पर काम किया, उनको सुधारा और पुन: प्रयास किया। इससे मेरी क्षमता में निखार आया। मुझे पता चला कि मैं यह भी कर सकता हूं। काफी सुखद अनुभव रहा। इस जर्नी में बहुत कुछ सीखने को मिला।

गाइडेंस की रही कमी
संदीप कुमार कहते हैं कि हम लोग ग्रामीण परिवेश से आते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है कि गाइडेंस नहीं मिल पाता है। हमारे माता पिता उतने पढ़े लिखे नहीं है। आसपास उतने लोग नहीं है, जो आईआईटी से पढ़े हैं या फिर यूपीएससी वगैरह परीक्षा में सफल हुए हों। ऐसी स्थिति में जब गाइडेंस की कमी हो, तब आप सोचते हैं कि आपको कुछ बड़ा करना है, तो आपको खुद से ही बहुत कुछ करना पड़ता है। यूपीएससी में मेरे लिए यह एक चैलेंज रहा था। जब मैं परीक्षा की तैयारी के लिए प्रयास कर रहा था तो कॉलेज के जो सीनियर यूपीएससी निकाल चुके थे। उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा था। स्ट्रेटजी वगैरह पता करने में मुश्किल हो रही थी। यह संघर्ष रहा। परिवार का भरपूर सपोर्ट रहा। वह हमेशा मुझे मोटिवेट करता रहा।

खुद को करते रहिए मोटिवेट
संदीप कुमार कहते हैं कि मैं ईमानदारी और हॉर्डवर्क पर विश्वास करता हूं। परीक्षा के समय तक यदि मैंने अपना 100 फीसदी दिया है तो रिजल्ट को लेकर ज्यादा टेंशन में नहीं आता था। यदि आप ईमानदारी के साथ हॉर्डवर्क कर रहे हैं तो फिर आप रिजल्ट की चिंता मत करिए। कृष्ण जी ने भी कहा है कि कर्मण्येधिकावारिस्ते मां फलेषु कदाचनं, इस सिद्धांत में पूरा विश्वास करता हूं। वह इस तरह खुद को मोटिवेट करते थे।

लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हॉर्डवर्क जरूरी
संदीप जब यूपीएससी के पहले प्रयास में असफल हुए तो उन्होंने अपनी गलतियों पर काम किया। उनका यह दृढ विचार था कि मेहनत के साथ पुन: प्रयास करेंगे। उससे जरूर आगे अच्छा करेंगे। उनके अंदर यह भी मोटिवेशन रहता था। दूसरा यह कि यूपीएससी क्रैक करने के बाद आईएएस व आईपीएस की जो पोजिशन मिलने जा रही है। उसकी क्या अहमियत है? उससे हम समाज के लिए कितना कुछ कर सकते हैं। जिस तरह की उपलब्धि हम पाएंगे। उसके लिए जिस तरह की मेहनत हम कर रहे हैं। उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है।

परीक्षा की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं तो ज्यादा टेंशन नहीं
संदीप कहते हैं कि इंटरव्यू के एक दिन पहले उतनी घबराहट नहीं थी क्योंकि इंटरव्यू के पहले हम लोग मॉक टेस्ट वगैरह देकर काफी प्रैक्टिस करते हैं। उससे विश्वास आ गया था कि हम सिचुएशन हैंडल कर लेंगे। यदि आप परीक्षा की आवश्यकताओं को डे टू डे पूरा कर रहे हैं तो आप ज्यादा टेंशन में नहीं होते हैं। इस बार उनका मेंस अच्छा गया था। इसलिए पिछली बार की तुलना में अधिक आत्मविश्वास था। यह पता था कि यह परीक्षा का अंतिम चरण है, इसमें अच्छा करना है। उसके बाद बहुत अच्छा होने वाला है, उत्साह था। थोड़ी सी नर्वसनेस जरूर थी कि इंटरव्यू में कुछ भी हो सकता है। यह सोच थी कि वहां जाकर अच्छा करना है। उनका इंटरव्यू करीब 30 मिनट तक चला था।

अपना लक्ष्य स्पष्ट रखिए
संदीप कहते हैं कि सबसे पहले अपना लक्ष्य स्पष्ट करें कि उनको क्या करना है। यूपीएससी में आपका लक्ष्य एकदम स्पष्ट होना चाहिए। अंदर से दृढ विश्वास आना चाहिए कि मुझे यही करना है, क्योंकि इसमें जिस तरह का हॉर्डवर्क जरूरी है। यह तभी आएगा, जब आप यह क्यिलर रहेंगे कि मुझे इसी फील्ड में जाना है। कभी भी अपने से झूठ मत बोलिए। पढ़ाई का आपने जो लक्ष्य बना रखा है, लगातार देखिए कि आप कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं। यदि आप पढ़ रहे हैं तो पढिए यदि नहीं पढ़ रहे हैं तो अपने आप से बोलिए कि आप नहीं पढ़ रहे हैं। आप परीक्षा के हिसाब से स्ट्रेटजी बनाइए। अपने मन के हिसाब से नहीं। यदि आपकी स्ट्रेटजी कभी भी काम नहीं कर रही है तो आप उसे रिफाइन करिए और अपनी स्ट्रेटजी को इम्प्रूव करिए। अपनी गलतियों से सीखिए।